
देवबन्द। तीन तलाक के खिलाफ बिल को मंजूरी मिलने के बाद इस फैसले पर मुस्लिम समाज की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारुल-उलूम देवबंद की इस बिल पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। इस बिल का विरोध करते हुए दारुल उलूम देवबंद के मौहतमिम मौलाना अबुल कासिम बनारसी ने कहा कि तीन तलाक का फैसला जबरदस्ती थोपा जा रहा है। यह सीधे तौर पर मजहबी मामलों में सरकार का हस्तक्षेप है। हमें यह फैसला मंजूर नहीं।
देवबंदी मुस्लिम महिलाओं की प्रतिक्रिया
वहीं दूसरी तरफ देवबंद की मुस्लिम महिलाओं ने भी इस बिल का विरोध किया है। मुस्लिम महिला खुर्शीदा ने कहा कि यह कानून बहुत गलत है। यह फैसला हमारे खिलाफ है। यह फैसला शरीयत के भी खिलाफ है। हमारे प्रधानमंत्री हमेशा यह कहते थे कि महिलाओं की मदद करेंगे और मुस्लिम महिलाओं को अपनी बहन बताते थे। प्रधानमंत्री ने हमारे साथ नाइंसाफी की है। हमें उनसे यह उम्मीद नहीं थी कि वह हमारे खिलाफ जाएंगे। इस फैसले से गरीब मुस्लिम महिलाओं को भारी नुकसान होगा। गरीब औरतें कोर्ट-कचहरी के चक्कर कैसे कटेंगी। चंद औरतों को बुर्का पहनाकर उनकी बात मान ली गई और हम हजारों औरतों ने सड़कों पर उतर कर विरोध किया उनके बारे में नहीं सोचा। यह फैसला हमें किसी सूरत में मंजूर नहीं है। जो चीज हमारी शरीयत में नहीं है। हम उस बात को कभी नहीं मान सकते हम इस फैसले की निंदा करते हैं।
देवबन्दी आलिम की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर देवबन्दी आलिम मुफ्ती अहमद गौड ने कहा कि यह फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए खुशी की बात नहीं है, बड़े दुख की बात है। तीन तलाक का अध्यादेश जो सरकार ने जारी किया है, इससे पहले भी राज्यसभा में विपक्ष ने इसे पास नहीं होने दिया था। विपक्ष प्रजातंत्र की बहुत बड़ी ताकत है। इस सरकार में प्रजातंत्र का गला घोटा जा रहा है। सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है।
अपना प्रभाव जमाने के लिए सरकार देश में जिस तरीके से काम कर रही है, यह पूरा आरएसएस के रास्ते पर चलने वाली बात है। सरकार का यह फैसला मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आया है। इस फैसले में गरीब महिलाओं के बारे में बिल्कुल नहीं सोचा गया। यह सरकार जनता की मूल समस्याएं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है और तीन तलाक के बिल की बातें करती है, ये देश की जनता को मुद्दों से भटकाने वाली बात है। आज का दिन बड़े अफसोस का दिन है। इसका हमें बड़ा दुख है। तीन तलाक पर अध्यादेश जारी कर सरकार ने मुस्लिम महिलाओं का गला काटने का काम किया है।
Published on:
19 Sept 2018 07:52 pm
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