
deoband Darul Uloom
देवबंद। मुस्लिम पर्सनल ला से जुड़े तीन तलाक के मामलेे पर राज्यसभा में बिल पास होनेे के दूसरे दिन देवबंद दारुल उलूम ने चुप्पी तोडते हुए साफ कह दिया है कि तीन तलाक बिल किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। दारूल उलूम ने इस बिल काे संविधान में दी गई मजहबी आजादी के खिलाफ बताया है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने राष्ट्रपति से इस बिल को पुनर्विचार के लिए पार्लियामेंट काे वापस कर दिए जाने का भी अनुराेध किया है।
Darul uloom Deoband के (कुलपति) मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार ने जाे बिल पास कराया है वह तीन तलाक बिल शरीयत में खुली दखल अंदाजी है। मुल्क की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम के जरिये राष्ट्रपति को मैमोरेंडम भेजा था। यह तर्क देते हुए उन्हाेंने कहा कि, हुकुमत ने मुस्लिम महिलाओं की आवाज को अनसुना कर अपनी संख्या बल के आधार पर इस बिल काे मंजूर किया है। नाेमानी ने कहा कि इस बिल को कबूल नहीं किया जाएगा। यह नापसंदीदा और मुस्लिम महिलाओं के हकाें का विराेधी है। उन्हाेंने यह भी कहा है कि यह कानून, लोकतांत्रिक व्यवस्था और भारतीय संविधान में दी गई मजहबी आजादी के भी खिलाफ है। बाेले कि, हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि भारतीय संविधान में दी गई मजहबी आजादी काे देखते हुए Teen talaq bill पुनर्विचार के लिए पार्लियमेंट काे वापस भेजा जाए। इतना ही नहीं, देवबंद दारुल उलूम ने इस संबंध में देश भर की मुस्लिम तंजीमों से भी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया है।
Updated on:
31 Jul 2019 11:08 pm
Published on:
31 Jul 2019 10:41 pm
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