दरअसल गंगोह उपचुनाव में इमरान मसूद के भाई कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद खड़े थे। शुरूआत से ही उन्होंने बढ़त बनाए हुए थे। लेकिन आखिर चरण में उनके वोट कम हो गए और बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। जिसके बाद इमरान मसूद और उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। उन्होंने कहा कि हमारे वोट कहा गये जबकि मुसलमान कभी भी भाजपा को वोट नही दे सकता। जिस गांव से हमे 700 – 800 सौ वोट मिलने थे, उसी गांव से हमे बहुत कम वोट मिले हैं। आखिर हमारे वोट कहा गये और भाजपा कैसे जीत गई। इस पर देवबंदी उलेमा ने ऐतराज करते हुए कहा कि मुसलमान भाजपा को वोट क्यों नहीं दे सकता। सबकी अपनी मर्जी है, कोई किसी को भी अपना वोट दे सकता है। उसकी अपनी मर्जी है।
कारी रहमुदीन कासमी ने कहा की यह हिंदुस्तान है यह जमहुरी मुल्क है, हर शख्स को आजादी है वह जिसको चाहे उसको वोट दे। चाहे वह बीजेपी हो चाहे अन्य पार्टियों जिसको जो अच्छा लगता हो उसको वोट देना चाहिए। यह किसी की कोई जाहगीर नहीं है। यह सिलसिला उनकी अपनी निजी राय है और ऐसी कोई बात नहीं है किसी के मन में कि वह किसी को वोट नहीं दे सकते जिसकी जो मर्जी है वह आजाद है और वह जिसको चाहे उसको वोट दें।