8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अटल बिहारी वाजपेई के लिए जेल में ये मुस्लिम सांसद अपने घर से लेकर जाते थे खाना

अटल बिहारी वाजपेयी के जाने से दुःखी हैं पूर्व सांसद रशीद मसूद बाेले उनके जैसा काेई नहीं

2 min read
Google source verification
saharanpur news

atal bihari vajpayee

सहारनपुर। शिवमणि त्यागी

कम ही लाेग यह जानते हाेंगे कि जब अटल बिहारी वाजपेई काे यहां सरसावा में 12 दिन तक अस्थाई जेल में रहना पड़ा था। इस अवधि में उनके लिए हर राेज पूर्व सांसद रशीद मसूद खाना लेकर जाते थे। अटल बिहारी के जाने के बाद रशीद मसूद भी काफी दुःखी हैं। पुरानी बाताें काे याद करते हुए वह कहते हैं कि वाजपेयी जी ने कभी किसी से काेई भेदभाव नहीं रहा। उनका वाजपेयी जी सीधा नाता रहा। अटल बिहारी वाजपेयी एेसे नेता थे जिन्हाेंने भाजपा में रहकर आरएसएस की विचार धारा के विपरीत जाकर भी काम करना पड़ा ताे उन्हाेंने किया लेकिन कभी किसी से काेई भेदभाव नहीं किया। रशीद मसूद कहते हैं कि 2002 में गुजरात दंगें हुए ताे अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र माेदी काे राज धर्म का रास्ता अपनाने की सलाह दी। यह उनकी विलक्षण प्रतिभा आैर साफ छवि का साफ उदाहरण है, यही कारण है कि आज उनके इस दुनिया से जाने पर पूरा देश शाेक में डूबा हुआ है। प्रत्येक जाति आैर धर्म के लाेग आज उनके लिए आंसू बहा रहे हैं आैर दुःखी हैं।

12 दिन अस्थाई जेल में रखें गए थे अटल

अटल बिहारी वाजपेयी का वर्ष 1952 से सहारनपुर से नाता रहा है। कार सेवा के समय वर्ष 1990 में अटल बिहारी वाजपेयी को सहारनपुर के सरसावा में बनाई गई एक अस्थाई जेल में 12 दिन तक उन्हे रहना पड़ा था। उस समय 24 अक्टूबर 1990 से 5 नवंबर 1990 तक अटल बिहारी वाजपेई सरसावा ने बनाई गई इस अस्थाई जेल में रहे थे। अंतिम बार वह 2004 में सहारनपुर आए थे उस समय चौधरी यशपाल सिंह के चुनाव के लिए अटल बिहारी यहां पहुंचे थे। उन्होंने शहर के बीचोबीच गांधी पार्क मैदान में जनसभा को संबोधित किया था।

सरसावा में यूपी सरकार ने नजरबंद कर लिया गया था अटल बिहारी वाजपेयी को
वर्ष 1990 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और 24 अक्टूबर 1990 को समाजवादी पार्टी की सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी और शंकराचार्य को नजर बंद कर लिया था। इस दौरान उन्हें सरसावा स्थित दि किसान कोआपरेटिव शुगर मिल के गेस्ट हाउस के कमरा नंबर एक में बंदी बनाकर रखा गया था। जब आसपास के लोगों को यह सूचना मिली तो बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए इस शुगर मिल के गेस्ट हाउस पहुंच गए थे लेकिन कड़ी सुरक्षा होने के चलते किसी को भी उनसे नहीं मिलने दिया गया था। इस दौरान 12 दिन तक पूर्व एमपी रशीद मसूद के घर से अटल बिहारी वाजपेई जी के लिए खाना जाता था और खुद रशीद मसूद खाना लेकर पहुंचते थे।