
dead boday
सहारनपुर।
यह खबर आपके राेंगटे खड़े कर देगी। सहारनपुर के एक व्यापारी परिवार के व्यक्ति की खुले नाले में गिरकर माैत हाे गई। तीन दिन बाद शव सड़ी-गली हालत में नाले से बाहर निकाला गया। पुलिस ने शिनाख्त के बाद परिवार वालाें काे सूचना दी ताे माता-पिता ने तीन दिन बाद नाले से मिले 50 वर्षीय व्यक्ति के शव काे लेने से ही इंकार कर दिया। परिवार वालाें का यह जवाब सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। बाद में पता चला कि माता-पिता अपने इस बेटे की हरकताें से परेशान से थे। वह हर राेज माता-पिता के साथ मारपीट करता था आैर उन्हे दुःखी करता था। अब बेटे की माैत की खबर मिली ताे माता-पिता की आंखाें में पानी ताे भर आया लेकिन उन्हाेंने साफ कह दिया कि पंद्रह साल पहले ही वह हमे छाेड़कर चला गया था, उसी दिन वह उनके लिए मर गया था। माता-पिता का यह भी कहना है कि उन्हाेंने बेटे काे संपत्ति से भी बेदखल कर दिया था। माता-पिता के इस जवाब के बाद माैके पर पहुंचे मृतक के चचा गुलशन ने पुलिस के सहयाेग से इसके शव का अंतिम संस्कार कराया।
घटना जनकपुरी थाना क्षेत्र की है। सहारनपुर की गिल कालाेनी का रहने वला संजय समरवाल पिछले कई वर्ष से दामाेदरपुरी में रहता था। बताया जाता है कि पंद्रह साल पहले संजय समरवाल काे परिवार वालाें ने घर से निकाल दिया था। इस परिवार का गिल कालाेनी में कपड़ाे का शाेरूम है। चार दिन पहले संदिग्ध हालाताें में संजय की जिला अस्पताल के पास खुले नाले में गिरकर माैत हाे गई। संजय के नाले में गिरने आैर गिरकर मर जाने की घटना का तीन दिन बाद पता चला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक की शिनाख्त कराई ताे पता चला कि मृतक संजय समरवाल हैं जाे गिल कालाेनी के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके परिजनाें काे घटना की सूचना दी ताे परिजनाें ने साफ इंकार कर दिया कि संजय पंद्रह साल पहले घर पर नहीं रहता है। बाद में माैके पर पहुंचे इनके चाचा नागपाल ने पुलिस के साथ मिलकर मृत के शव का अंतिम संस्कार कराया। परिजनाें ने शव लेने से इंकार कर दिया पुलिस की इस बात का हमे भी विश्वास नहीं हुआ। इसलिए पत्रिका टीम मृतक के घर पहुंची। यहां आस-पास के लाेगाें ने बताया कि कपड़े शाेरूम वाला घर संजय का है। ये लाेग भी आपस में चर्चा कर रहे थे कि बेटा चाहे जैसा भी हाे लेकिन दुःख ताे हाेता ही है लेकिन इन्हाेंने दुकान तक बंद नहीं की। यह सुनकर हम आगे बढ़ गए आैर घर की बैल बजाई। घर के अंदर से एक सज्जन निकलकर बाहर आए हमने उनसे पूछा कि क्या हुआ था ? पुलिस का कहना है कि परिवार वालाें ने शव लेने से इंकार कर दिया ताे क्या यह बात सही है ? इस सवाल के जवाब पर सामने खड़े आदमी ने कहा कि वह पंद्रह साल पहले ही चले गए थे आैर उन्हे संपत्ति से भी बेदखल कर दिया गया था। पूछने पर इन सज्जन ने बताया कि वह संजय के जीजा हैं। जब हमने इनसे कहा कि संजय के माता-पिता से बात करा दाे इन्हाेंने कह दिया कि वह शहर से बाहर गए हए हैँ।
Published on:
22 Oct 2018 10:34 pm
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