बहुजन समाज पार्टी के सांसद हाजी फजलुर्रहमान संघ प्रमुख मोहन भागवत व जमीयत उलमा-ए-हिंद की मुलाकात को लेकर कहा कि इस नफरत के माहौल में अगर कोर्इ देश में भार्इचारा मजबूत करने के लिए पहल करता है तो इसमें काेर्इ बुरार्इ नहीं है। उन्होंने कहा कि मौलाना अरशद मदनी व संघ प्रमुख मोहन भागवत का देश में बड़ा प्रभाव है। अगर ये दोनों मिलते हैं तो इसमें कोई बुराई वाली बात नहीं है। उन्होंने इमरान मसूद पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हमेशा इमरान मसूद और उनका परिवार अपने राजनीतिक फायदे के लिए उलमा को भला-बुरा कहता है। वह हिन्दू-मुस्लिम को बांटने के लिए इस तरह की अनर्गल बयानबाजी करते हैं।
बता दें कि इमरान मसूद ने हाल ही में मोहन भागवत व अरशद मदनी की मुलाकात पर आपत्ति जताते हुए एक फेसबुक पर पोस्ट की थी। इस पर इमरान मसूद ने कहा है कि जमीयत उलमा-ए-हिंद का इतिहास गौरवशाली रहा है, लेकिन अब उसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। इमरान ने कहा है कि संघ के मुख्यालय पर घुटने टेकने क्यों अौर किस समझौते के तहत अरशद मदनी पहुंचे थे। वहीं सांसद हाजी फजलुर्रहमान के बयान पर पलटवार करते हुए इमरान ने कहा है कि बसपा को जनता देख चुकी है। बसपा भाजपा और आरएसएस की कठपुतली है। उन्होंने कहा कि सांसद को जवाब देना चाहिए कि बसपा तीन तलाक और आर्टिकल 370 पर आखिर चुप क्यों रही।