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पंजाब के भठिंडा की तरह यूपी का रणखण्डी भी बना कैंसर हब, दहशत में टूट रहे रिश्ते

कैंसर की बीमारी से सैकड़ों लोगों की हो चुकी है मौत

सहारनपुरOct 25, 2018 / 03:16 pm

Iftekhar

cancer patient

पंजाब के भठिंडा की तरह यूपी का रणखण्डी भी बना कैंसर हब, दहशत में टूट रहे रिश्ते

सहारनपुर. देवबन्द कोतवाली क्षेत्र में पड़ने वाले गांव रणखण्डी मेें कैंसर की बीमारी ने अपने पांव पसार लिए हैं। इस बीमारी के कारण पिछले पांच वर्ष में सैकडों लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, आज भी इस गांव में दर्जनों लोग और मासूम बच्चे कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की चपेट में है। हाल ही यहां चार मौतें कैंसर की वजह से हुई है। इनमें से एक पांच माह का बच्चा भी शामिल है, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी गंव वालों की सुध लेने नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं, गांव वालों ने इलाके के विधयक कुंवर बृजेष सिंह से भी अपनी समस्याए बताई, लेकिन उनके साथ बदसुलुकी करते हुए विधयक ने ध्क्के मारकर बाहर निकाल दिया था । इसके बाद गांव वालों ने विधयक के खिलापफ प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद गांव में चारों तरफ बैनर लगाकर यह लिख दिया गया था कि कुंवार बृजेष का बहिष्कार।

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गांव के बिमार लोगों का दिल्ली, चण्डीगढ़ जैसे महानगरों में उपचार चल रहा है। इन सब बीमारियों का कारण ग्रामीण गांव के बाहर से गुजरने वाले गन्दे नाले में बह रहे केमिकल युक्त पानी को बता रहे हैं, क्योंकि कच्चा नाला होने के कारण गांव का पानी दूषित हो गया है, जिससे ये बीमारी गांव में फैल रही है। गाँव रणखण्डी की आबादी लगभग पैतीस हजार 35000 है। इस गांव में कैंसर की बीमारी के प्रकोप से पिछले 5 सालो में सैकडों लोग अकाल मौत के मुंह में समा चुके हैं। यहां आज भी दर्जनों लोग व मासूम बच्चें कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का दंश झेल रहे हैं।

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ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गाँव के बाहर से एक गन्दा नाला गुजरता है। इस नाले में त्रिवेणी शुगर मिल और अन्य कई फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी आ रहा है, जिसकी वजह से हमारे गांव में पीने का पानी दुषित हो गया है। उन्होंने बताया कि गांव के नलको में जो पानी निकलता है। अगर इस पानी को रात को किसी बर्तन में रख दिया जाए तो पानी सुबह पीला हो जाता है और बर्तन काला हो जाता है। यहां का पानी बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं है। ग्रामीणों को मजबूरन पीना पड़ रहा है। कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासनिक अधीकारीयों से भी की, लेकिन कोई सुनवाई आज तक नहीं हुई है। इस कारण दिनों दिन कैंसर की बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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गाँव रणखण्डी में कैंसर से मरने वालो की संख्या में चाहे कितना ही इजाफा हो, मगर प्रशासन की कुम्कर्णी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, गाँव वालों ने प्रशासन को कई बार चेताया भी कि चिकित्सकों की टीमे गांव में भेजकर कैंसर से पिड़ित लोगों को चिकित्सा सुविधऐं दी जाएं। कई बार तो गरीबी के कारण लोग अपना उपचार बड़े अस्पतालो में न करा पाने के कारण मौत के आगोश में जा रहे हैं। गांव में सैकडों लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन ने न तो इस गन्दे नाले की सफाई कराई और न ही शुगर मिल और न ही फैक्ट्रियों से निकल रहे केमिकल युक्त गन्दे पानी को लेकर इन फैक्ट्रियों के खिलाफ ही कोई कार्रवाई की गयी है। जिससे फैक्ट्रियों के मालिकों और प्रशासन की मिलीभगत साफ नजर आती है।

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गांव रणखण्डी में फैल रही कैंसर की बीमारी का जैसे ही आसपास के लोगों को मालूम हुआ कि इस गाँव का पानी पीने से कैंसर की बीमारी हो जाती है तो गाँव के लोगों के परिचित और रिश्तेदारों ने भी गाँव में आना जाना बन्द कर दिया है। जिस कारण वहां के ग्रामीणों को यह चिन्ता सता रही है कि अगर यही आलम रहा तो उनके बच्चों की शादीयां कैसे होगी। गाँव में विगत कुछ दिनों में, नसीब सिंह, श्याम सिंह, ओम प्रकाश, ओमपाल राणा, सहित 100 लोगों से अधिक मौत के मुंह में चले गये। 7 साल से कैंसर का दंश झेल रहे पीडित अजीत सिंह पुत्रा लाल सिंह ने बताया कि उसने अपने इलाज के लिये चण्डीगढ, दिल्ली मेट्रो अस्पताल में जवाब दिये जाने के बाद मेरठ में अपना उपचार करा रहा है। गाँव में ही दो बहनों का इकलौता भाई 14 वर्षीय अभिषेक भी कैंसर से पीडित है, जब संवाददाता द्वारा उससे पुछा गया तो उसने गन्दे नाले की साफ-सफाई व गाँव में चिकित्सा टीम भेजकर लोगों की मद्द किये जाने की मांग प्रशासन से की है ।

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