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कैराना उप चुनावः सीएम की जनसभा में समर्थक उखाड़ ले गए झंडे तोड़ डाली कुर्सियां

जनसभा खत्म होते ही गर्मी से बिलबिलाए समर्थकों ने तोड़ डाली जनसभा स्थल में लगी कुर्सियां, किया एेसा काम वीडियाे देख आप भी रह जाएंगे हैरान

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सहारनपुर। शिवमणि त्यागी
भरी दोपहरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के लिए पहुंचे समर्थकों को तपती गर्मी में पीने के लिए पानी नहीं मिला तो उन्होंने जनसभा मैदान में बिछाई गई कुर्सियों पर अपना गुस्सा उतार दिया। गुस्साए समर्थकों ने कुर्सियां तोड़ डाली। इस दौरान यहां अफरा-तफरी जैसा माहौल बना तो यह देख सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को शांत किया।
कैराना उपचुनाव की भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार काे सहारनपुर के अंबेहटा पीर पहुंचे थे। यहां मुख्यमंत्री ने मृगांका सिंह के लिए वोट मांगे और जनसभा काे संबाेधित करते हुए कहा कि मृगांका उस महापुरुष की बेटी हैं जिनकी वजह से वेस्ट यूपी काे पहचाना जाता है। वेस्ट यूपी में परिवर्तन आया और पलायन रुका। उसी महापुरुष के चले जाने के कारण कैराना सीट पर उपचुनाव हो रहा है और ऐसे में यह सीट उनकी बेटी को जिताकर ही स्वर्गीय हुक्म सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी इस जनसभा में समाजवादी पार्टी के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाए। सिर्फ आराेप ही नहीं लगाए बल्कि खुला चैलेंज भी दे डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी कैराना उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी तो उधार दे सकती है लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह जनता के बीच जाकर अपनी बात कह सकें। इसके पीछे उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे को कारण बताया और कहा कि समाजवादियों के हाथ मुजफ्फरनगर के दंगों में मारे गए निर्दोषों के खून से रंगे हुए हैं और यही कारण है कि समाजवादियों में इतनी हिम्मत नहीं है कि जनता के बीच आकर बात कर सके, आंख मिला सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया में हिम्मत है तो वह जनता के बीच आएं।

वीडियाे देखने के लिए यहां क्लिक करें https://www.youtube.com/watch?v=3DPvTabK1JU

मुख्यमंत्री की यह सभा अम्बेहटा पीर कस्बे में भरी दोपहरी में हो रही थी और तापमान बेहद अधिक था। जनसभा में बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे आैर जिससे गर्मी आैर बढ़ गई। करीब डेढ़ घंटे तक चली सभा में जब समर्थकों को पीने के लिए पानी नहीं मिला तो गर्मी में वह बिलबिला उठे और उनके सब्र का बांध टूट गया। मुख्यमंत्री की जनसभा खत्म हुई तो इन लोगों का गुस्सा यहां बिछी कुर्सियों पर फूट पड़ा और समर्थकों ने कई कुर्सियां तोड़ डाली। कुर्सियां तोड़ रहे समर्थकों को सुरक्षाकर्मियों ने शांत किया। गर्मी से परेशान समर्थकों का यह गुस्सा था जो कुर्सियों पर उतरा। यह अलग इस दौरान पूछने पर सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि समर्थक हेलीकॉप्टर देखने के लिए जल्दी बाहर निकलने की कोशिश कर रहते इसी दौरान कुर्सियों के ऊपर से चढ़ गए जिससे कुर्सियां टूट गई।


भाजपा का झंडा पाने के लिए डंडों पर चढ़ गए लोग
मुख्यमंत्री की जनसभा के बाद भाजपा के झंडे के प्रति लोगों में बेहद क्रेज देखने को मिला। यहां लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए और जमीन से काफी ऊपर लगे झंडों को उतार लिया। इन लोहे के पाइप ऊपर बिजली के पंखे लगे हुए थे बिजली के तार लगे हुए थे लेकिन लोगों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की और झंडे उतारने के लिए लोहे के पाइपों पर चढ़ गए। पाइप ऊपर चढ़ रहे युवाओं को देखकर एक बुजुर्ग भी ऊपर चढ़ गए जिनका पैर फिसलते फिसलते बचा दो बार विफल होने पर भी यह बुजुर्ग नहीं माने और तीसरी बार में इन्होंने भी झंडा उतार ही लिया। समर्थकों को लोहे के खंभों पर चढ़ता हुआ देख आयोजकों ने पूरे पंडाल की पावर सप्लाई को बंद करा दिया ताकि किसी को करंट ना लग जाए लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक झंडे के लिए समर्थक अपनी जान की परवाह किए बगैर किस तरह से लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए ?