
gaurav
सहारनपुर। आपने सुना हाेगा कि ''हर सफल इंसान के पीछे एक कहानी हाेती है एक प्रेरक हाेता है'' आज हम आपकाे एक ऐसे नाैजवान से मिलाने जा रहे हैं जिनकी ना ताे काेई कहानी है और ना ही काेई प्रेरक, फिर भी उन्हाेंने अपना और अपने शहर का नाम राेशन कर दिखाया।
हम बात कर रहे हैं सहारनपुर (Saharanpur) के गिटारिस्ट ''गाैरव'' की । गाैरव (gaurav) ने अपने शाैंक काे ही अपना जुनून बना लिया और फइर इतना दाेहराया कि रिकार्ड बना डाला। वर्ष 2017 में सहारनपुर के गाैरव का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड (Limca Book of Records) में दर्ज हुआ। आपकाे जानकर यकीन नहीं हाेगा कि गाैरव ने लगातार 50 घंटे गिटार बजाकर रिकार्ड बनाया। इतना ही नहीं अब गाैरव विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी में हैं।
गाैरव बताते हैं कि उन्हे आज तक काेई सरकारी सहायता नहीं मिली। लगातार गिटार बजाने से उनके हाथों की हड्डियाें का आकार भी बदल गया है, जिसके इलाज के लिए भी काफी रकम चाहिए। वर्तमान में गाैरव के पास जाे जमा राशि है उससे वह या ताे अपना इलाज करा सकते हैं या फिर विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी कर सकते हैं।
यकीन मानिए अपने शहर का नाम राेशन करने के लिए गाैरव ने दूसरा विकल्प चुना है। यानी गाैरव पैसाें के अभाव में अपना इलाज नहीं करा रहे हैं वह सहारनपुर का नाम गिनीज बुक में दर्ज कराने के लिए प्रैक्टिस में करने में जुटे हैं। एक सवाल के जवाब में गाैरव कहते हैं वह सिर्फ अपने शहर के लिए कुछ करना चाहते हैं।
अपनों ने भी छाेड़ा साथ
गाैरव की कहानी का एक ट्विस्ट यह भी है कि उन्हे काेई सरकारी सहायता ताे मिली ही नहीं इधर परिवार वालें भी नाराज हैं। दरअसल परिवार वाले चाहते हैं कि गाैरव अपना इलाज कराए लेकिन गाैरव की जिद है कि जाे धनराशि इलाज में खर्च हाेगी उससे वह प्रैक्टिस करेंगे। विश्व रिकार्ड बनाने के लिए गाैरव काे करीब 115 घंटे लगातार गिटार बजाना हाेगा।
इसकी प्रैक्टिस करने के लिए उन्हाेंने खुद काे एक कमरे में कैद कर लिया है। गाैरव का कहना है कि लाख परेशानियां आएंगी लेकिन वह अपने अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे और उनकी नजर में यही सफलता की चाबी यानी key to success है।
Published on:
15 Sept 2019 10:29 am
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