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BREAKING NEWS: नुसरत जहां के पूजा करने पर मचा बवाल, देवबंदी उलेमा ने कहा-अपना नाम बदल लें नुसरत जहां

Highlights Nusrat Jahan के पूजा करने पर घमासान देवबंदी मौलाना ने पूजा पर उठाए सवाल नुसरत जहां को नाम बदलने की दी सलाह

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सहारनपुर / देवबंद। टीएमसी सांसद ( TMC MP ) और बंगाली अभिनेत्री नुसरत जहां ( Nusrat Jahan) ने एक दिन पहले ही बंगाल में दुर्गा पूजा की। नुसरत जहां ने दुर्गा पंडाल ( Dugra Puja) में अपने पति निखिल जैन के साथ विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा कि तो उनका वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो गया। अब उनके पूजा करने पर घमासन मच गया। देवबंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने नुसरत जहां के आरती-पूजा करने पर आपत्ति जताते हुए सवाल खड़ कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने नुसरत जहां को इस्लाम को बदनाम करने और नाम बदलने तक की सलाह दे डाली।

नुसरत जहां के पूजा का वीडियो हो रहा वायरल

बंगाली अभिनेत्री ( Bengali actress ) नुसरत जहां जबसे टीएमसी की सांसद बनी है, तब से वह अपनी निजी जिंदगी को लेकर काफी सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर वह नवरात्रि पूजा ( Navratri Puja )को लेकर सुर्खियों में हैं। दरअसल रविवार को महाष्टमी के दिन कोलकाता ( Kolkata ) में नुसरत जहां ( Nusrat Jahan) शादी के बाद पहली दुर्गा पूजा मनाई और पारंपरिक रूप से लाल साड़ी, मांग में सिंदूर और माथे पर बिंदी लगाए दुर्गा पंडाल पहुंची। इस दौरान उन्होंने पति के साथ ढाक भी बजाई। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

देवबंदी मौलाना ने जताया ऐतराज

लेकिन अब देवबंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कड़ी आपत्ति जताई है और कहा कि नुसरत जहां ने पहली बार पूजा नहीं कि इससे पहले भी उन्होंने कई बार इस तरह का काम किया है। लेकिन इस्लाम में मूर्ति पूजा मना है और अगर नुसरत जहां इस्लाम नहीं मानती तो अपना धर्म बदल लें। मौलाना ने आगे कहा कि इस तरह इस्लाम को बदनाम करने की साजिश है और इस्लाल में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है। वह अपना नाम बदल ले इस्लाम को बदनाम न करें।

क्या कहा नुसरत जहां ने

वहीं इस बारे में सांसद नुसरत जहां का कहना है कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं, सभी धर्मों को मानती और भारत की सभ्यता और संस्कृति को मानती है। दुर्गा पूजा उसी का हिस्सा है। बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है। इस दौरान उनके पति निखिल जैन ने कहा कि यह एक संदेश है कि हमे सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। विविधता में एकता यहां भारत की खूबी है। हमारा देश ऐसा है जहां सभी धर्मों को अपनाया जाता है। खास कर कोलकाता में इसकी अलग ही झलक देखने को मिलती है।