सहारनपुर। पहले गणतंत्र दिवस के साक्षी रहे प्रभाकर हिंदी साहित्य के विद्वान कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर के बेटे हैं। पत्रिका संवाददाता के साथ उन्होंने 26 जनवरी 1950 को हुए समारोह की यादें साझा की। उन्होंने कहा कि पहले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए पूरे नगर में नगर पालिका की ओर से साफ-सफाई कराई गई थी। ऐसे लगा था मानो नए सिरे से बना हुआ हो। हर जगह पर तिरंगा फहरा रहा था। प्रशासन की ओर से सभी को निमंत्रण पत्र जारी किए गए थे। उस दिन पुलिस लाइन में झंडा फहराने का कार्यक्रम हुआ था। शहर के सभी लोग उपस्थित हुए थे। उस 26 जनवरी काे अलग ही नजारा था। समारोह में वे लोग भी शामिल हुए थे, जिन्होंने गुलामी को देखा था। स्वतंत्रता सेनानियों की भी बड़ी संख्या थी। उन्होंने कहा, मेरी उम्र उस समय 22 साल थी। मेरे पिता जी भी स्वतंत्रता सेनानी थे।