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सहारनपुर।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला अस्पताल में फर्जी पार्किंग ठेका सामने आया है। यहां अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों से ₹10 प्रति वाहन शुल्क लिया जा रहा था जबकि सरकार की ओर से यहां कोई भी ठेका नहीं है। पिछले दिनों ही यहां पार्किंग निरस्त कर दी गई थी और सभी तरह के वाहनों की एंट्री फ्री कर दी गई थी। बावजूद इसके यहां आने वाले मरीजों से और तीमारदारों से प्रति वाहन ₹10 की वसूली की जा रही थी। जब पत्रिका टीम यहां पहुंची तो इस खेल का खुलासा हुआ और इस घटना के बाद सहारनपुर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर सुनीत कुमार वार्ष्णेय ने वाहन स्वामियों के पैसे वापस कराते हुए निर्देश दिए कि अगर जिला अस्पताल परिसर में किसी ने भी वाहन खड़ा करने के लिए मरीज और तीमारदारों से कोई शुल्क लिया तो एफआईआर कराई जाएगी।
3 महीने से चल रहा था खेल
सरकार एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही हैं और जिला अस्पतालों में सभी जांच भी निशुल्क कर दी गई हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह की ठगी अफसरों की नाक के नीचे ही सामने आई है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस पार्किंग स्थल पर तीमारदरों और मरीजों से वाहन खड़े करने का पैसा लिया जा रहा था वह पार्किंग स्थल प्रमुख अधीक्षक के ऑफिस के ठीक सामने है और पिछले करीब 3 माह से यहां खुला खेल चल रहा था। बावजूद इसके प्रमुख अधीक्षक को इसकी जानकारी नहीं थी। जब पत्रिका रिपोर्टर ने प्रमुख अधीक्षक से इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में मामला आज ही आया है और तुरंत इसे बंद कराया जाएगा। यह भी कहा कि अगर जिला अस्पताल परिसर में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का शुल्क वाहनों से लेता हुआ मिला तो उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
पैसे वापस मिलने पर तिमारदाराें ने कहा शुक्रिया पत्रिका
जिला अस्पताल में अधिकांश वही लोग अपना इलाज कराने के लिए जाते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति प्राईवेट अस्पतालाें का खर्च पूरा करने की अनुमति नहीं देती, सरकार ने यहां स्वास्थ्य सेवाएँ ताे निशुल्क कर दी लेकिन फर्जी पार्किंग में लाेगाें से खूब पैसा वूसाला जा रहा था। पत्रिका ने जब इस खेल का खुलासा किया ताे यहां अपने वाहन खड़े करने वाले लाेगाें काे पार्किंग के लिए दिए गए पैसे वापस मिले आैर यह धनराशि वापस पाए जाने के बाद इन लाेगाें ने कहा ''धन्यवाद पत्रिका''
ये है बड़ा सवाल
जिला अस्पताल में पिछले करीब तीन माह से यह फर्जी पार्किंग चल रही थी। इस दौरान जितना पैसा लिया गया यह पैसा कहां गया इस सवाल का जवाब अभी भी नहीं मिला है। इस पार्किंग को एक बाहरी व्यक्ति संचालित कर रहा है जिससे अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने पूछताछ की है लेकिन अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि आखिर यह फर्जी पार्किंग किसकी शह पर चल रही थी।
विधायक बाेले ये सरकार ही एेसी है
जिला अस्पताल में खुले आम चल रहे वसूली के इस खेल पर जब नगर विधायक संजय गर्ग से बात की गई ताे उन्हाेंने कहा कि यह सरकार एेसी ही है। इस सरकार में अधिकारी पैसे देकर अपने ट्रांसर्फर करा रहे हैं ताे उस पैसे की वसूली इसी तरह से गरीब जनता की जेब काटकर ही की जाएगी।
Updated on:
01 Oct 2018 09:03 pm
Published on:
01 Oct 2018 08:30 pm
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