
Ayodhya Ka Faisla : जानिए उन वकीलों के बारे में जिनकी जिरह के बाद हुआ फैसला, क्या थी किसकी दलील
सहारनपुर, हैदराबाद एनकाउंटर काे लेकर वकीलों की राय भी अलग-अलग है। कुछ वकीलों ने इस एनकाउंटर काे ठीक माना है ताे कुछ ने इसे कानून की ताराजू में ताेलकर देखा ताे उचित नहीं माना। हमने सहारनपुर कचहरी में अलग-अलग वकीलों से इस एनकाउंटर काे लेकर बात की सवाल पूछा कि कानून रूप से इस एनकाउंटर काे वकील किस तरह से देखते हैं ?
जवाब जाे मिले वह बेहद चाैंका देने वाले और मंथन याेग्य थे। वकीलों ने कहा है कि यदि ऐसा हाेगा ताे फिर कानून और अदालतों की जरूरत ही क्या ? कुछ ने कहा कि जब रेपिस्ट भागने की काेशिश कर रहे थे ताे उन्हे गाेली ही मारनी थी। इसी दाैरान कुछ वकीलों का तर्क यह भी है कि भागते हुए गाेली मारनी है ताे पैर में गाेली मारनी चाहिए। सजा देने का अधिकार सिर्फ अदालत है पुलिस काे नहीं। आज पूरे देश में जब हैदराबाद एनकाउंटर काे लेकर हैदराबाद पुलिस की वाह-वाही हाे रही है ताे ऐसे में सहारनपुर के अधिवक्ता क्या कहते हैं यही जानने के लिए हम पहुंचे थे वकीलों के बीच। यहां हमने lady advocate , criminal advocate और civil advocate से बात की।
Updated on:
08 Dec 2019 12:43 am
Published on:
08 Dec 2019 12:39 am
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