scriptमुख्यमंत्री योगी की सभा में समर्थकों ने तोड़ी कुर्सियां तो पुलिस वालों के फूले हाथ-पांव | Suprters of BJP broken chairs in CM Yogi's assemply ground | Patrika News
सहारनपुर

मुख्यमंत्री योगी की सभा में समर्थकों ने तोड़ी कुर्सियां तो पुलिस वालों के फूले हाथ-पांव

भाजपा नेताओं की करतूत जानकर आपको भी आजाएगी शर्म

सहारनपुरMay 23, 2018 / 09:51 am

Iftekhar

broken chairs

मुख्यमंत्री योगी की सभा में समर्थकों ने तोड़ी कुर्सियां तो पुलिस वालों के फूले हाथ-पांव

शिवमणि त्यागी
सहारनपुर. भरी दोपहरी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के लिए पहुंचे समर्थकों को जब पीने के लिए पानी नहीं मिला तो उन्होंने जनसभा मैदान में बिछाई गई कुर्सियों पर अपना गुस्सा उतार दिया। गुस्साए समर्थकोंन ने कुर्सियां तोड़ डाली। इस दौरान यहां अफरा-तफरी जैसा माहौल बना तो यह देख सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को शांत किया। मुख्यमंत्री की सभा भरी दोपहरी में हो रही थी और तापमान बहुत अधिक था। बावजूद इसके मुख्यमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली सभा में जब समर्थकों को पीने के लिए पानी नहीं मिला तो गर्मी में वह बिलबिला उठे। जैसे ही मुख्यमंत्री की जनसभा खत्म हुई तो इन लोगों का गुस्सा यहां बिछी कुर्सियों पर फूट पड़ा और समर्थकों ने कई कुर्सियां तोड़ डाली। कुर्सियां तोड़ रहे समर्थकों को सुरक्षाकर्मियों ने शांत करया। इस दौरान पूछने पर सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि समर्थक हेलीकॉप्टर देखने के लिए जल्दी बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान कुर्सियों के ऊपर से चढ़ गए, जिससे कुर्सियां टूट गई। दरअसल, कैराना उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहारनपुर के अंबेहटा पीर पहुंचे थे।

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भाजपा का झंडा पाने के लिए डंडों पर चढ़ गए लोग
मुख्यमंत्री की जनसभा के बाद भाजपा के झंडे के प्रति लोगों में बेहद क्रेज देखने को मिला। यहां लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए और जमीन से काफी ऊपर लगे झंडों को उतार लिया। इन लोहे के पाइप ऊपर बिजली के पंखे लगे हुए थे। बिजली के तार लगे हुए थे लेकिन लोगों ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की और झंडे उतारने के लिए लोहे के पाइपों पर चढ़ गए। पाइप ऊपर चढ़ रहे युवाओं को देखकर एक बुजुर्ग भी ऊपर चढ़ गए जिनका पैर फिसलते-फिसलते बचा। दो बार विफल होने पर भी यह बुजुर्ग नहीं माने और तीसरी बार में इन्होंने भी झंडा उतार ही लिया। समर्थकों को लोहे के खंभों पर चढ़ता हुआ देख आयोजकों ने पूरे पंडाल की पावर सप्लाई को बंद करा दिया, ताकि किसी को करंट ना लग जाए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक झंडे के लिए समर्थक अपनी जान की परवाह किए बगैर किस तरह से लोहे के पाइप ऊपर चढ़ गए ?
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