
lady IPS officer
सहारनपुर। एक बहुत पुरानी कहावत है ' काैन कहता है आसमां में छेद नहीं हाे सकता, एक पत्थर ताे तबियत से उछालों से यारो' यानी सीधे शब्दों में कहे ताे मेहनत और लगन के साथ अगर काेई मुश्किल कार्य भी किया जाए ताे उसमें भी सफलता मिलती है।
पत्रिका के विशेष कार्यक्रम Key To Success में आज हम लेकर आए हैं एक ऐसी ही सफल स्टाेरी। हम बात कर रहे हैं मेरठ नगर की रहने वाली आईपीएस ऑफिसर (lady IPS officer) अपर्णा गुप्ता की। 2015 बैच की आईपीएस अपर्णा बताती हैं कि जब परीक्षा आई ताे उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। आंखाें में conjunctivitis (आंख आ जाना) हाे गया। उस समय आंखाें से कुछ देखना ताे दूर आंखे खुल भी नहीं रही थी।
तब में घर में अपर्णा काे उनकी दीदी पढ़कर सुनाती थी और वह कानों से सुनकर रिवाइज करती थी। हालत इतने बिगड़ गए कि अपर्णा काे हॉस्पिटल में भर्ती हाेना पड़ गया। परीक्षा की डेट आ गई ऐसे में परिजनों विशेषकर पिता ने मना कर दिया कि अगली बार परीक्षा हाेगी तब प्रयास करेंगे बेटी आपकी तबियत ठीक नहीं है लेकिन अपर्णा नहीं मानी। जब वह अस्पताल से परीक्षा केंद्र पहुंची ताे उनके हाथ में ड्रिप चल रही थी।
यह देखकर एग्जामनर ने भी कह दिया कि वह नहीं कर पाएंगी लेकिन यह हाैंसला और लगन ही थी कि उन्हाेंने इन हालातों में भी कर दिखाया और परीक्षा पास की। वर्तमान में अपर्णा गुप्ता सहारनपुर में एसपी ट्रैफिक का पद संभाल रही हैं। IPS officers अपर्णा बताती हैं कि 'हमें कभी भी अपने अंदर नैगेटिव यानी नाकारात्मक साेच काे पैदा नहीं हाेने देना चाहिए यही सफलता की चाबी की है।
Updated on:
01 Dec 2019 08:05 am
Published on:
01 Dec 2019 08:04 am
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