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सहारनपुर: आरक्षण लिस्ट से इमरान मसूद की पत्नी का टिकट कटा तो भाई की बीवी कैसे बन गईं BSP उम्मीदवार, सामने आई वजह

UP Nikay Chunav: सहारनपुर मेयर सीट पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। यहां से बसपा ने खदीजा मसूद को अपना कैंडिडेट बनाया है।

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saharanpur  News

बसपा कैंडिडेट खदीजा (बायें) पत्नी सायमा के साथ इमरान मसूद।

सहारनपुर सीट से बहुजन समाज पार्टी ने खदीजा मसूद को प्रत्याशी बनाया है। खदीजा को इमरान मसूद के भाई शादान मसूद की पत्नी है। उनके नाम की घोषणा बहुजन समाज पार्टी के पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी शम्सुद्दीन राइन ने की है।


पहले सायमा को बनाया था उम्मीदवार
मायावती ने पहले काजी इमरान मसूद की पत्नी सायमा को कैंडिडेट बनाया था। आरक्षण लिस्ट आई तो सहारनपुर मेयर सीट पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई। काजी परिवार जनरल कैटगरी में आता है, ऐसे में सायमा चुनावी दौड़ से बाहर हो गईं।

खदीजा के नाम के ऐलान के साथ ही ये सवाल भी लोगों के दिमाग में आ रहे है कि एक भाई की पत्नी सामान्य जाति से होने के चलते चुनाव नहीं लड़ सकती तो दूसरे भाई की बीवी किस तरह उम्मीदवार हो सकती है।


खदीजा काजी नहीं जाट हैं
खदीजा के इस चुनाव में कैंडिडेट बनने की वजह ये है कि वो जाति से जाट हैं। जाट उत्तर प्रदेश में ओबीसी में आते हैं, ऐसे में बसपा ने उनका टिकट कर दिया है। वो सहारनपुर से अब बसपा की कैंडिडेट होंगी।

खदीजा की जाति के बारे में जानने के लिए जब इमरान मसूद के ऑफिस फोन किया गया। यहां से हमें खदीजा की जाति के बारे में साफ-साफ ना बताकर कहा गया कि क्योंकि वो अलग खानदान से हैं और पिछड़ी जाति से आती हैं। ऐसे में उनका टिकट हुआ है।

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शादान से की थी लव-मैरिज
गंगोह के ही रहने वाले एक शख्स ने बताया है शादान मसूद ने खदीजा से लव मैरिज की है। खदीजा ओबीसी से आती हैं। उनका राजनीति में खास दखल नहीं रहा है लेकिन सीट पिछड़े वर्ग में गई तो इमरान ने उनका नाम आगे बढ़ा दिया।

इमरान मसूद और शादान मसूद चचेरे भाई हैं। दोनों के पिता सगे भाई थे। शादान के पिता रसीद मसूद सहारनपुर से कई बार सांसद रहे थे। वहीं इमरान मसूद भी पूर्व में विधायक और सहारनपुर के चेयरमैन रह चुके हैं।

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