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मुस्लिम आबादी वाले जगह से मिला 150 साल पुराना प्राचीन मंदिर, खंडहर में स्थित है ये जगह 

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाके में एक मंदिर मिला है जिसका अस्तित्व 150 साल से भी ज्यादा पुराना है। ठीक-ठाक से रखाव न होने के कारण मंदिर का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है।

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सम्भल

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Swati Tiwari

Dec 18, 2024

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले में मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है। अब इसी क्रम में संभल में 150 साल से ज्यादा पुराना खंडहरनुमा मंदिर के मिलने का दावा किया गया है।ये मंदिर चंदौसी के मुस्लिम बहुल लक्ष्मणगंज में मौजूद है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर 152 साल पुराना है। यह मंदिर अब खंडहर स्थिति में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदुओं के पलायन के बाद साल 2010 में शरारती तत्वों ने मूर्तियां खंडित कर दी थीं। मुस्लिम आबादी से घिरा क्षेत्र होने और ठीक से रखरखाव न होने के कारण इस मंदिर का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है।

150 साल पुराना मंदिर 

25 साल पहले हिंदू यहां बड़ी आबादी में थे लेकिन कुछ वक्त के बाद मुस्लिमों की संख्या यहां बढ़ गई। इसके बाद हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया इसका असर यहां मौजूद करीब 152 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर पड़ा। मंदिर के संरक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि 2010 तक यहां पूजा-अर्चना होती थी। इस साल शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा और शिवलिंग समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया। पुलिस कार्रवाई भी हुई, लेकिन फिर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस साल शरारती तत्वों ने मंदिर में विराजमान भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा और शिवलिंग समेत अन्य मूर्ति को खंडित कर दिया। पुलिस कार्रवाई भी हुई, लेकिन फिर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

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32 साल बाद खुला मंदिर का दरवाजा 

1992 में हुए दंगे के बाद मोहल्ला कछवायन स्थित प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर को 32 साल बाद प्रशासन ने मंदिर का दरवाजा खुलवा दिया। पलायन करने वाले सैनी समाज के लोगों ने बताया कि जब 1992 में दंगा हुआ तो वे लोग डर के साये में रहने लगे। इसलिए धीरे धीरे सभी परिवारों ने मोहल्ले से पलायन कर लिया। यहां से पलायन कर रहे लोगों ने इस मंदिर में ताला लगा दिया। 32 साल बाद एक बार फिर मंदिर का दरवाजा खुल गया है और लोगों ने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी है।