21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बेटे की पढ़ाई के लिए बेची जमीन, पैरों पर खड़ा होते ही पिता से किनारा, रुला देगी कैंसर पीड़ित की ये कहानी

Sambhal News: यूपी के संभल निवासी कैंसर पीड़ित बुजुर्ग अपने ही बेटे की बेरुखी के चलते इलाज और भरण-पोषण के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

2 min read
Google source verification

सम्भल

image

Mohd Danish

May 16, 2025

Cancer stricken father forced to stumble in sambhal

बेटे की पढ़ाई के लिए बेची जमीन, पैरों पर खड़ा होते ही पिता से किनारा..

Father forced to stumble in Sambhal: संभल जिले से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग पिता अपने ही बेटे की बेरुखी के चलते इलाज और भरण-पोषण के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। चंदौसी के रहने वाले अशोक चौधरी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और अपने बेटे से मदद की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन उनका बेटा, जो नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत है, पिता की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख रहा।

बेटे की पढ़ाई के लिए बेची पैतृक जमीन

अशोक चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मेहनत-मशक्कत करके बेटे और बेटी को बेहतर शिक्षा और जीवन देने में लगा दी। यहां तक कि उन्होंने अपनी पैतृक जमीन तक बेटे की पढ़ाई के लिए बेच दी। उनकी कोशिशों का नतीजा ये रहा कि बेटा अतुल आज नोएडा की एक बड़ी कॉरपोरेट कंपनी में कार्यरत है, जबकि बेटी इंग्लैंड में नौकरी कर रही है।

पैरों पर खड़ा होते ही बेटे ने किया किनारा

बुजुर्ग अशोक चौधरी का दर्द छलक पड़ा जब उन्होंने बताया कि जैसे ही बेटा अपने पैरों पर खड़ा हुआ, उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी बीच अशोक चौधरी को कैंसर ने घेर लिया और रिटायरमेंट के बाद मिली जमा पूंजी भी इलाज में खत्म हो गई। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बुजुर्ग को खाने तक के लाले पड़ गए हैं। वो एक छोटी सी कोठरी में अकेले जीवन के अंतिम पड़ाव पर फाकाकशी कर रहे हैं।

सरकारी अफसरों और सीएम तक लगाई गुहार

अशोक चौधरी ने बताया कि वह अपने बेटे की उपेक्षा से टूट चुके हैं। इलाज और भरण-पोषण की जिम्मेदारी के लिए वह जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को शिकायती पत्र भेज चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।

यह भी पढ़ें:विंग कमांडर पर जातिसूचक टिप्पणी, सपा नेता के खिलाफ विरोध तेज, संगठनों ने उठाई कार्रवाई की मांग

इंसाफ की उम्मीद में दिन गिन रहे हैं बुजुर्ग

आज एक पिता जिसने अपने बच्चों को सब कुछ न्योछावर कर बेहतर भविष्य दिया, वह खुद इंसाफ की उम्मीद में दर-दर भटक रहा है। अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अंतिम उम्मीद जताई है कि उन्हें न्याय और इलाज के लिए मदद मिल सके।