
PC: IANS
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक आर्टिकल जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मैच फिक्सिंग की बात दोहराई। उनके इस आर्टिकल के बाद सियासत तेज हो गई है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "राहुल गांधी पर टिप्पणी करना ठीक नहीं। जब वह चुनाव जीतते हैं तो लोकतंत्र जिंदा हो जाता है और जब चुनाव हारते हैं तो लोकतंत्र मर जाता है। मूल रूप से राहुल गांधी का विश्वास न भारत की संसद और न ही संविधान पर है। सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग पर भी उन्हें कोई विश्वास नहीं। राहुल गांधी अपने आप से एक विशेष प्रकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।"
विपक्षी पार्टी के नेताओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "पीएम मोदी ने देश की एकता और मजबूती के लिए बहुत कुछ किया। उनके फैसले इस बात का सबूत हैं। ऐसे में अगर विपक्षी पार्टी के नेता भी अगर पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, तो यह बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी तारीफ के काबिल हैं।"
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने अपने आर्टिकल की प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर करते हुए लिखा, "ये समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाई हुई क्यों थी। लेकिन, चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग जैसी होती है जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।
हर जिम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए, सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए। क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी। मैच फिक्स किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं।"
Updated on:
07 Jun 2025 08:30 pm
Published on:
07 Jun 2025 08:29 pm
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