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जब डीएम बने बच्चों के खेल के साथी! दिव्यांग बच्चों संग खेलते दिखे कैरम लूडो, बच्चों ने गीतों से बांधा समा

Sambhal News: संभल के दिव्यांग विद्यालय में जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने बच्चों संग कैरम और लूडो खेला। दृष्टिबाधित बच्चों ने देशभक्ति गीत गाकर सबका मन जीत लिया।

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सम्भल

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Mohd Danish

Aug 20, 2025

dm inspection divyang school children talent pune tour sambhal

जब डीएम बने बच्चों के खेल के साथी! Image Source - Social Media 'X'

DM inspection divyang school children talent in Sambhal: यूपी के संभल जिले के केएसजे हाईस्कूल आवासीय दिव्यांग विद्यालय में बुधवार का दिन खास रहा। यहां निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया और मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने बच्चों के साथ समय बिताया। इस दौरान डीएम ने श्रवण बाधित बच्चों के साथ कैरम और दृष्टिबाधित बच्चों के साथ लूडो खेलकर सभी को चौंका दिया। विद्यालय परिसर में बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और उत्साह देखने लायक था।

संगीत और प्रतिभा से हुआ स्वागत

निरीक्षण के दौरान दृष्टिबाधित बच्चों ने अपनी गायकी से वातावरण को भावुक और प्रेरणादायक बना दिया। उन्होंने स्वरबद्ध तरीके से ‘आन-वान-शान है तिरंगा हमारा’ गीत प्रस्तुत किया। वहीं, श्रवण बाधित बच्चों ने अपनी चित्रकारी दिखाई, जिसे डीएम ने सराहा। इस मौके पर जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की और शिक्षकों से शिक्षण पद्धति को और बेहतर बनाने पर जोर दिया।

चिकित्सा शिविर और नई सुविधाओं की घोषणा

डीएम डॉ. पैंसिया ने विद्यालय में केवल एलोपैथी ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा शिविर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी को विद्यालय में नए बाथरूम बनवाने का आदेश भी दिया। बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।

पुणे भ्रमण के लिए 5 बच्चों का चयन

इस विशेष अवसर पर विद्यालय के पांच बच्चों को पुणे स्थित ‘दीप स्तंभ फाउंडेशन’ के भ्रमण पर भेजने का निर्णय लिया गया। डीएम ने बच्चों को किताबें और फल वितरित किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

बच्चों के सपने और महत्वाकांक्षाएं

निरीक्षण के दौरान बच्चों ने खुलकर अपने सपने साझा किए। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई शिक्षक। कुछ बच्चे अपने जैसे दिव्यांग साथियों की मदद करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि यह विद्यालय जिले का इकलौता ऐसा संस्थान है जहां दृष्टि और श्रवण बाधित बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। विद्यालय में कुल 105 बच्चे नामांकित हैं, जिनमें से 88 बच्चे निरीक्षण के दिन उपस्थित रहे।