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Sambhal Violence: संभल हिंसा में मस्जिद के सदर जफर अली को जमानत, FIR में नहीं था नाम, जांच के बाद हुई थी गिरफ्तारी

Sambhal violence case: संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद के सदर जफर अली को जमानत दे दी है।

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सम्भल

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Mohd Danish

Jul 24, 2025

Masjid chief Zafar Ali gets bail in Sambhal violence case

Sambhal Violence: संभल हिंसा में मस्जिद के सदर जफर अली को जमानत | Image Source - Social Media

Masjid chief Zafar Ali gets bail in Sambhal violence case: जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के हाई-प्रोफाइल मामले में एक अहम मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली को राहत देते हुए जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह फैसला दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनाया, जिससे अब जफर अली की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।

जस्टिस समीर जैन ने दी जमानत, एफआईआर में नाम नहीं था शामिल

यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने माना कि एफआईआर दर्ज करते समय जफर अली का नाम उसमें शामिल नहीं था। उनके नाम का उल्लेख विवेचना के दौरान सामने आया, जिसके आधार पर 23 मार्च 2025 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

24 नवंबर 2024 को मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा

बता दें कि यह मामला 24 नवंबर 2024 को उस समय उठा था जब संभल की जामा मस्जिद में प्रशासन की ओर से किए जा रहे सर्वे के दौरान जबरदस्त हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने की खबर थी, और इलाके में तनाव का माहौल बन गया था।

सांसद जिया उर रहमान बर्क पर भी एफआईआर

हिंसा भड़कने के इस गंभीर मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर संभल कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था।

हिंसा भड़काने का आरोप, जांच में जुड़ा नाम

पुलिस का आरोप था कि जफर अली ने भीड़ को उकसाने और हिंसा को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई। लेकिन कोर्ट में बचाव पक्ष ने जोर देकर कहा कि एफआईआर में उनका नाम नहीं था और उन्हें जांच के दौरान केवल अनुमानों के आधार पर आरोपी बनाया गया।

दलीलों के आधार पर दी गई जमानत, आगे की प्रक्रिया जारी

दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने माना कि इस स्तर पर जफर अली को जमानत दिया जाना उचित होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।

राजनीति और धार्मिक पक्षों के चलते संवेदनशील हुआ मामला

अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे की जांच और सुनवाई क्या मोड़ लेती है, क्योंकि इसमें कई राजनेताओं और धार्मिक पदाधिकारियों के नाम सामने आ चुके हैं, जो इसे और भी संवेदनशील और राजनीतिक रूप से गर्म बना देता है।