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करोड़ों खर्च करके भी चालू नहीं हुआ पॉलिटेक्निक कॉलेज, खंडहर हो गई इमारत, चौकीदार को वर्षों से नहीं मिली तनख्वाह

Sambhal News: युवाओं को तकनीकी शिक्षा मुहैया कराने के लिए भले ही वर्ष 2011 में यूपी के संभल क्षेत्र के गांव में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ था। लेकिन, करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी हैं।

सम्भल

Mohd Danish

Jul 03, 2024

Polytechnic College did not start even after spending crores in Sambhal
Sambhal News In Hindi

Sambhal News In Hindi: वर्ष 2011 में संभल जिले के असमोली क्षेत्र के गांव असगरीपुर में पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ था। लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी हैं। शेष बजट नहीं मिलने के चलते बनी हुई इमारत भी खंडहर में तब्दील हो गई है। हालांकि कार्यदायी संस्था ने इमारत विभाग को आंशिक हैंडओवर कर दी है।

विकास क्षेत्र असमोली के गांव असगरीपुर में वर्ष 2011 में बसपा सरकार में केंद्र सरकार के वित्त पोषित मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्लान के तहत राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। निर्माण में करीब 12.3 करोड़ रुपये खर्च होने थे। शासन ने प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी यूपी प्रोजेक्ट्स कार्पोरेशन लिमिटेड मुरादाबाद सौंपी और आठ करोड़ रुपये का बजट आवंटित भी आवंटित किया। जिससे निर्माण कार्य शुरू हुआ। शिलान्यास 16 दिसंबर 2011 को पूर्व मंत्री अकीलुर्रहमान खां ने किया था।

कार्यदायी संस्था ने भवन का निर्माण तो कर दिया लेकिन फिनीशिंग कार्य शेष रह गया। वहीं शासन से बाकी बजट भी नहीं मिल सका तो साल दर साल बीतने पर इमारत भी जर्जर होने लगी। 13 साल में पॉलीटेक्निक कॉलेज में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी हैं तो भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। भवन के चारों ओर बनी बाउंड्री कई जगह नीचे से खोखली हो चुकी है। कई कमरों की छतों से प्लास्टर टूटकर गिर रहा है। दरवाजे व खिड़कियां भी टूट चुकी हैं। इस बीच कार्यदायी संस्था ने भी भवन विभाग को आंशिक हैंडओवर कर दिया है। लेकिन क्षेत्र के तमाम युवाओं का तकनीकी शिक्षा लेने का सपना अधूरा रह गया है।

चौकीदार को वर्षों से नहीं मिली तनख्वाह

राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज भवन की चौकीदारी कर रहे गांव सैदपुर इम्मा निवासी बंटी कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि वर्ष 2019 से उन्हें कार्यदायी संस्था ने तनख्वाह नहीं दी। वह कॉलेज परिसर में खाली जमीन में फसल करके परिवार का पालन पोषण कर रहा है। पहले नींबू की खेती की थी लेकिन फसल नहीं उतरी तो काफी नुकसान भी हुआ।