
आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान! Image Source - Social Media 'X'
Judicial report acharya pramod krishnam in Sambhal: यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद बनाम श्रीहरिहर मंदिर विवाद के दूसरे सर्वे के दौरान भड़की हिंसा पर गठित न्यायिक जांच आयोग ने 450 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद श्रीकल्कि धाम, थाना ऐंचौड़ा कंबोह (संभल) के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जिले की स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि “संभल पर सदियों से हमले होते आ रहे हैं।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने संबोधन में बताया कि 1526 से 1529 के बीच बाबर ने जब मंदिर तोड़ने शुरू किए, तब अयोध्या और संभल के मंदिर भी निशाना बने। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मंदिर इसलिए तोड़ा गया क्योंकि वहां भगवान आ चुके थे, जबकि संभल का मंदिर इसलिए गिराया गया क्योंकि यहां भगवान का अवतार होना था। उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद भी संभल में हिंदुओं की स्थिति बेहद नाजुक रही और यहां तालिबानी सोच के लोगों का कब्ज़ा बना रहा।
रिपोर्ट और धार्मिक संत के बयानों के अनुसार, 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब संभल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 45% और मुस्लिम आबादी 55% थी। लेकिन आज यह अनुपात पूरी तरह बदल चुका है। हिंदू आबादी घटकर 15% रह गई है, जबकि मुस्लिम आबादी बढ़कर 85% हो गई है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने हालिया सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि आज भी बचे हुए 15% हिंदू भयभीत माहौल में जी रहे हैं। लोग प्रार्थना करते हैं कि अगर 2027 में सरकार बदली, तो यह संख्या 5% से भी नीचे जा सकती है। उन्होंने संभल की स्थिति को सनातन धर्म पर सुनियोजित प्रहार बताते हुए गंभीर चिंता जताई।
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने 273 दिनों की जांच के बाद यह विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि दूसरे सर्वे के दौरान भड़की हिंसा केवल प्रशासनिक चूक का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे गहरी सामाजिक और जनसांख्यिकीय असमानताएं भी जिम्मेदार हैं। आयोग ने आबादी के बदलते अनुपात को हिंदुओं में भय की प्रमुख वजह बताया है।
Published on:
31 Aug 2025 02:23 pm
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