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बांग्लादेश से भारत तक नफरत की आग पर सांसद बर्क का सवाल, बोले- सिर्फ दूसरों को नहीं, खुद को भी देखना होगा

Sambhal News: यूपी के संभल से सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने बांग्लादेश के हालात और भारत में बढ़ती मॉब लिंचिंग पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नफरत की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ दूसरों को दोष देने के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना होगा।

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सम्भल

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Mohd Danish

Dec 29, 2025

Zia ur Rahman Barq on bangladesh india lynching statement sambhal

बांग्लादेश से भारत तक नफरत की आग पर सांसद बर्क का सवाल | Image Source - FB/@ziaurrahmanbarq

Zia ur Rahman Barq on Bangladesh: संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने बांग्लादेश में मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक हालातों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश आज अपनी कहानी खुद लिख रहा है, लेकिन यह कहानी अनिश्चितता और अंधकार की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। सांसद के अनुसार वहां बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं का हिंसा की ओर झुकाव किसी भी लोकतांत्रिक समाज के लिए खतरनाक संकेत है।

सोशल मीडिया के ज़रिये उठाए सवाल

रविवार रात सांसद बर्क ने एक्स और फेसबुक पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने साफ कहा कि केवल पड़ोसी देश को कटघरे में खड़ा करना आसान है, लेकिन सच्चाई यह है कि हमें अपने गिरेबान में झांकना भी उतना ही जरूरी है। जब राजनीति नफ़रत और विभाजन के आधार पर की जाती है, तो समाज में हिंसा का फैलना स्वाभाविक हो जाता है।

भारत में लिंचिंग की घटनाओं पर गंभीर आरोप

सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने दावा किया कि भारत में अब तक मज़हब और जाति के नाम पर 300 से ज़्यादा मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं किसी एक राज्य या क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे देश में इंसानियत पर सवाल खड़े कर रही हैं। बर्क ने इसे कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की विफलता बताया।

राम नारायण हत्याकांड का जिक्र

अपने बयान में सांसद ने छत्तीसगढ़ के दलित प्रवासी मजदूर राम नारायण का उदाहरण दिया, जिनकी केरल के पलक्कड़ जिले में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक गरीब मजदूर की जान की कोई कीमत नहीं है, जो इस घटना पर मुख्यधारा का मीडिया लगभग खामोश रहा। बर्क ने इसे नफ़रत की राजनीति नहीं, बल्कि इंसानियत की हार करार दिया।

अख़लाक़ हत्याकांड पर न्यायपालिका के फैसले की सराहना

अख़लाक़ हत्याकांड का उल्लेख करते हुए सांसद बर्क ने कहा कि यह मामला देश के लिए बेहद शर्मनाक रहा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने के लिए अदालत में याचिका दाखिल की थी, लेकिन न्यायपालिका ने उस याचिका को खारिज कर दिया। सांसद ने इस फैसले को न्याय की उम्मीद को जिंदा रखने वाला बताया।

दोषियों के लिए कड़ी सज़ा की मांग

सांसद बर्क ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

नफरत के खिलाफ एकजुट होने की अपील

अपने बयान के अंत में सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने कहा कि अगर देश को वास्तव में एक सभ्य और सुरक्षित समाज बनाना है, तो नफ़रत के हर रूप के खिलाफ खड़ा होना होगा। चाहे वह नफ़रत सीमा के उस पार हो या हमारे अपने घरों और गलियों में, चुप्पी तोड़ना और सच के साथ खड़े होना ही एकमात्र रास्ता है।