
10 will be related to income tax from April 1
सतना। एक अप्रेल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कुछ खास नियमों में बदलाव हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में इनकम टैक्स में कई बदलावों की भी घोषणा की थी। कुछ बदलावों को लोकसभा ने अपनी मंजूरी दे दी है। ऐसे में आप भी जान लीजिए कि नए वित्त वर्ष 1 अप्रेल से क्या कुछ बदलने वाला है, जिसका सीधा असर आपके जेब पर होगा।
एक पन्ने का फार्म
पांच लाख रुपए की सालाना आय (व्यावसायिक इनकम के अलावा) वाले व्यक्तिगत करदाताओं की सुविधा के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक पेज का फॉर्म पेश किया जाएगा।
सरचार्ज की मार
50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक की वार्षिक आय वाले लोगों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा। एक करोड़ सालाना इनकम वालों को पहले की ही तरह 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।
आधार अनिवार्य
एक जुलाई से पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्स दाखिल करने के लिए आधार अनिवार्य होगा। सरकार ने नकद लेनदेन की सीमा भी 3 से घटाकर अब 2 लाख रुपए कर दी है। यदि कोई दो लाख रुपए से अधिक का लेनदेन करते पाया जाता है, तो उसे इस सीमा से अधिक राशि पर 100 प्रतिशत जुर्माना देना होगा।
मध्यमवर्ग को होगी बचत
ढाई लाख से 5 लाख रुपए के बीच की इनकम वालों का टैक्स 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाएगा। हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली 5000 रुपए की छूट को घटाकर 2500 रुपए कर दिया गया है। जिन आयकरदाताओं की आय 3.5 लाख रुपए से ऊपर है, उनके लिए कोई छूट नहीं है। इसका मतलब यह होगा कि 3 से 5 लाख रुपए की कर योग्य आय वालों को 7,700 रुपए की बचत होगी। जबकि 5 से 50 लाख रुपए आय वालों को 12,900 रुपए की बचत होगी।
खुल सकता है 10 साल पुराना मामला
यदि सर्च ऑपरेशन के दौरान 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है तो आयकर अधिकारी पिछले 10 साल के कर मामलों को दोबारा खोल सकते हैं। वर्तमान में कर अधिकारियों को पिछले छह साल के दस्तावेजों की ही छानबीन करने का अधिकार हासिल है। समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं करने वाले करदाताओं को आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 10,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो इस धारा के तहत उस पर अधिकतम जुर्माने की राशि 1,000 रुपए से अधिक नहीं होगी।
कर लाभ नहीं मिलेगा
राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश पर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए किसी भी प्रकार का कर लाभ नहीं मिलेगा। इस टैक्स सेविंग स्कीम की घोषणा वित्त वर्ष 2012-13 में की गई थी। योजना प्रतिभूति बाजार में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी।
लांग टर्म में समयावधि कम हुई
लांग टर्म गेन के लिए किसी संपत्ति के होल्डिंग पीरियड को 3 साल से घटाकर अब 2 साल कर दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति संपत्ति खरीदकर उसे 2 साल के भीतर ही बेच देता है तो उसे इस पर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
किराए पर टीडीएस काटना होगा
प्रतिमाह 50,000 रुपए से अधिक के किराए का भुगतान करने वाले व्यक्ति को अब 5 प्रतिशत टीडीएस (स्रोत कर कर) काटना होगा। कर विशेषज्ञों का मानना है, इस कदम से ऐसे व्यक्ति जिनकी रेंटल इनकम बहुत अधिक है, वो कर के दायरे में आ जाएंगे।
एनपीएस में राहत
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से आंशिक निकासी (आहरण) पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। एनपीएस सब्सक्राइबर्स अपने अंशदान का 25 प्रतिशत हिस्सा रिटायरमेंट से पहले आपातकालीन स्थिति में निकाल सकेंगे। यह याद रखें कि रिटायरमेंट पर कुल फंड का 40 प्रतिशत हिस्सा ही कर मुक्त होता है।
Published on:
28 Mar 2018 04:42 pm
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