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पत्रिका खुलासे के बाद हड़कंप, बच्चों को ‘HIV Blood Transfusion’ पर ताबड़तोड़ एक्शन की तैयारी

MP news: चार नहीं, छह थैलेसीमिया पीडि़त आए एचआइवी की चपेट में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भी लिया संज्ञान...

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सतना

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Sanjana Kumar

Dec 17, 2025

MP News HIV Blood Transfusion to Children in Satna

MP News HIV Blood Transfusion to Children in Satna(photo:X)

MP News: जिले में थैलेसीमिया पीड़ित मासूम बच्चे सरकारी रक्त कोष के संक्रमित रक्त से एचआइवी पॉजिटिव हुए हैं। पत्रिका के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने जांच कमेटी बनाई है। अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग की क्षेत्रीय संचालक रीवा डॉ. सत्या अवधिया हैं। कमेटी सात दिन में रिपोर्ट देगी। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि संबंधितों को नोटिस जारी करने जा रहे हैं।

पत्रिका पड़ताल में खुलासा

पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि रक्तदाता से रक्त लेने और बच्चों को रक्त चढ़ाने में हर स्तर पर घोर लापरवाही बरती गई। विशेषज्ञों के अनुसार सभी जांचें होतीं तो, यह नौबत नहीं आती। यह भी पता चला कि यहां चार नहीं, छह बच्चे एचआइवी से संक्रमित हुए हैं। घोर लापरवाही पर बीते चार माह से परदा डला था। पत्रिका ने मंगलवार को खुलासा किया कि चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया।

एक के माता-पिता भी पॉजिटिव

कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने अपने स्तर पर जांच कर बताया कि 6 बच्चे एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें एक के माता-पिता पॉजिटिव हैं। बाकी के माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव है।

लापरवाही की चेन

--गाइडलाइन के अनुसार रक्त लेने से पहले रक्तदाता का ब्लड ग्रुप, अल्कोहल, शुगर, मलेरिया, एचआइवी, सिस्टाइटिस, रेड ब्लड सेल की संख्या, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच होती है।

--अगर अन्य ब्लड बैंकों से भी ब्लड चढ़ाया है तो संबंधित ब्लड बैंक से पत्राचार कर जानकारी ली जाती है, जो नहीं ली गई।

--जिस तरीके से एचआइवी टेस्ट करने वाली क्लिया मशीन को जांच करने के रिएजेंट कुछ दिन के लिए नहीं मिल पाते थे ऐसे रक्त की बाद में जांच की जानी चाहिए थी।

अफसरों ने पत्र में व्यक्त की 'प्रसन्नता', वायरल हुआ नोटिस

सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने बिना अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। इसमें थैलेसीमिया के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप द्विवेदी, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल और हॉस्पिटल मैनेजर डॉ. धीरेंद्र वर्मा हैं। सवाल उठ रहे हैं कि जिस ब्लड बैंक प्रभारी ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, उन्हें ही कमेटी में रख लिया।

जांच के लिए मंगलवार को ब्लड बैंक का रिकार्ड खंगाला गया। सिविल सर्जन ने सतना जिले में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. पूजा गुप्ता को नोटिस जारी किया है। पत्र में अप्रसन्नता की जगह प्रसन्नता लिखा है। पत्र वायरल हो रहा है।

जिम्मेदार कौन?

1. ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल

2. आइसीटीसी (एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र) प्रभारी डॉ. पूजा गुप्ता

3. ब्लड बैंक काउंसलर नीरज सिंह तिवारी

4. ब्लड बैंक संचालन करने वाली निजी कंपनी सूर्या के स्थानीय मैनेजर

ब्लड टेस्ट स्क्रीनिंग के प्रोटोकॉल में चूक को उजागर करता है। पता लगाना था कि कहां चूक हुई।

(डॉ. नरेंद्र शर्मा, सेवानिवृत्त मेडिसिन विशेषज्ञ)

मामले की जड़ तक पहुंचेंगे

समिति सतना जाकर भी जांच करेगी। लोगों से फीडबैक लेगी। समिति तह तक जाएगी कि संक्रमण किस प्रकार हुआ। बच्चों को कब-कब और कहां-कहां ब्लड चढ़ाया गया, इसकी जानकारी निकाली जा रही है। पता चला है कि एक बच्चे के माता-पिता एचआइवी पॉजिटिव हैं।

-राजेंद्र शुक्ल, उप मुख्यमंत्री (इन्हीं के पास स्वास्थ्य विभाग है)