अब तक की जांच के बाद एक अहम बात यह भी सामने आई है कि 10 साल पहले जिस तरह ट्रेन डकैती की चार वारदात को मानिकपुर और इलाहाबाद के बीच अंजाम दिया गया था, ठीक वही तरीका इस बार भी बदमाशों ने अपनाया है। एेसे में पुराने मामलों के आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। उप्र जीआरपी के अलावा मप्र के एडीजी रेल और एसपी रेल ने सतना जीआरपी को अपने स्तर से अपराधियों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि 10 वर्ष पहले 2008 में मानिकपुर और इलाहाबाद के बीच 15 बदमाशों ने ट्रेन में डकैती की वारदात को अंजाम देते हुए रसियन महिला की हत्या कर दी थी। यह मुकदमा जीआरपी सतना में दर्ज किया गया था। अपराध क्रमांक 04/08 में धारा 396 आइपीसी के तहत जांच करते हुए 15 आरोपी पकड़े गए थे। इसके ठीक बाद यात्री ट्रेन में ही डकैती की तीन वारदात और हुई थीं। इसमें कुल 25 बदमाश जीआरपी सतना के गिरफ्त में आए। पकड़े गए बदमाशों में ज्यादातर एेसे थे जो सभी वारदातों में शामिल रहे।
पनहाई में खोली गई अस्थाई चौकी
डकैती के बाद पनहाई रेलवे स्टेशन पर तैनात रेलवे स्टाफ भी दहशत में है। रेल कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभी पिछले सप्ताह ही रेल कर्मचारियों ने उच्च धिकारियों को पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उसमें कई घटनाओं का उल्लेख किया गया था। इधर, पनहाई रेलवे स्टेशन पर घटना के बाद जीआरपी ने अस्थाई चौकी खोल दी है। एक सब इंस्पेक्टर के साथ ही चार सिपाहियों को तैनात कर दिया गया है। घटना का खुलासा होने तक यह अस्थाई चौकी बनी रहेगी।
डकैती के बाद पनहाई रेलवे स्टेशन पर तैनात रेलवे स्टाफ भी दहशत में है। रेल कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभी पिछले सप्ताह ही रेल कर्मचारियों ने उच्च धिकारियों को पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उसमें कई घटनाओं का उल्लेख किया गया था। इधर, पनहाई रेलवे स्टेशन पर घटना के बाद जीआरपी ने अस्थाई चौकी खोल दी है। एक सब इंस्पेक्टर के साथ ही चार सिपाहियों को तैनात कर दिया गया है। घटना का खुलासा होने तक यह अस्थाई चौकी बनी रहेगी।
लुल्लू पर पुलिस का निशाना
मानिकपुर और इलाहाबाद के बीच 2008 में हुई डकैती की चारों वारदातों पर बारीकी से गौर करने के बाद रेल पुलिस मान रही कि रविवार की रात पनहाई में हुई घटना का तरीका ठीक वैसा ही है। एेसे में पुरानी घटनाओं को देखते हुए एक शातिर को चिह्नित किया गया है। लुल्लू पटेल निवासी गजरिया बरगढ़ जिला इलाहाबाद नाम का यह अपराधी 12 साल की उम्र से ही ट्रेन डकैती और लूट की वारदातों में सरीक है। करीब 15 दिन पहले मानिकपुर जीआरपी ने उसे चोरी के एक अपराध में पकड़ा था। पुलिस का मानना है कि लुल्लू के पकड़े जाने पर वारदात से जुड़ी कड़ी हाथ लग सकती है।
मानिकपुर और इलाहाबाद के बीच 2008 में हुई डकैती की चारों वारदातों पर बारीकी से गौर करने के बाद रेल पुलिस मान रही कि रविवार की रात पनहाई में हुई घटना का तरीका ठीक वैसा ही है। एेसे में पुरानी घटनाओं को देखते हुए एक शातिर को चिह्नित किया गया है। लुल्लू पटेल निवासी गजरिया बरगढ़ जिला इलाहाबाद नाम का यह अपराधी 12 साल की उम्र से ही ट्रेन डकैती और लूट की वारदातों में सरीक है। करीब 15 दिन पहले मानिकपुर जीआरपी ने उसे चोरी के एक अपराध में पकड़ा था। पुलिस का मानना है कि लुल्लू के पकड़े जाने पर वारदात से जुड़ी कड़ी हाथ लग सकती है।
दस्यु प्रभावित स्टेशन
सतना से गुजरने के बाद छह एेसे रेलवे स्टेशन पड़ते हैं जो दस्यु प्रभावित हैं। सतना के बाद मझगवां, टिकरिया, मारकुण्डी, बांसा पहाड़, मानिकपुर और फिर पनहाई दस्यु प्रभावित हैं। हाल ही में बांसा पहाड़ में रेलवे के दो गार्डों के साथ हुई लूट की वारदात के बाद रेल सुरक्षा बल ने यहां गस्त भी बढ़ाई थी। अपराधियों ने पनहाई को सेफ जोन मानकर घटना को अंजाम दिया है।
सतना से गुजरने के बाद छह एेसे रेलवे स्टेशन पड़ते हैं जो दस्यु प्रभावित हैं। सतना के बाद मझगवां, टिकरिया, मारकुण्डी, बांसा पहाड़, मानिकपुर और फिर पनहाई दस्यु प्रभावित हैं। हाल ही में बांसा पहाड़ में रेलवे के दो गार्डों के साथ हुई लूट की वारदात के बाद रेल सुरक्षा बल ने यहां गस्त भी बढ़ाई थी। अपराधियों ने पनहाई को सेफ जोन मानकर घटना को अंजाम दिया है।
फिर बायीं ओर से भागे
पनहाई में वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाशों की गैंग ट्रेन से उतरकर बायीं ओर ही भागी है। ट्रेन ट्रैक से कुछ ही दूरी पर चौपहिया वाहन के गुजरने के निशान भी जीआरपी को मिले हैं। पहले की घटनाओं पर नजर फेरने पर पता चला है कि पूर्व में इस तरह की सनसनीखेज घटनाओं के बाद भी अपराधी बायीं ओर से ही उतर कर भागे थे।
पनहाई में वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाशों की गैंग ट्रेन से उतरकर बायीं ओर ही भागी है। ट्रेन ट्रैक से कुछ ही दूरी पर चौपहिया वाहन के गुजरने के निशान भी जीआरपी को मिले हैं। पहले की घटनाओं पर नजर फेरने पर पता चला है कि पूर्व में इस तरह की सनसनीखेज घटनाओं के बाद भी अपराधी बायीं ओर से ही उतर कर भागे थे।
सतर्क नहीं हुई रेल पुलिस
मानिकपुर में गंगा कावेरी एक्सप्रेस में चेन पुलिंग की गई थी। स्टश्ेान पर रेल सुरक्षा बल, जीआरपी का स्टाफ भी मौजूद रहा पर दोनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आशंका यह भी है कि सतना के अलावा मानिकपुर रेलवे स्टेशन से भी अपराधी ट्रेन में सवार हुए होंगे। एक खास बात यह भी सामने आई कि अपराधियों ने यात्रियों को एेसी जगह धारदार हथियार से चोट नहीं पहुंचाई जिससे किसी की मौत हो सकती थी। अपराधी बेहद शतिर दिमाग थे, एेसे में उन तक पहुंचने के लिए अब सायबर सेल की मदद भी ली जा रही है।
मानिकपुर में गंगा कावेरी एक्सप्रेस में चेन पुलिंग की गई थी। स्टश्ेान पर रेल सुरक्षा बल, जीआरपी का स्टाफ भी मौजूद रहा पर दोनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आशंका यह भी है कि सतना के अलावा मानिकपुर रेलवे स्टेशन से भी अपराधी ट्रेन में सवार हुए होंगे। एक खास बात यह भी सामने आई कि अपराधियों ने यात्रियों को एेसी जगह धारदार हथियार से चोट नहीं पहुंचाई जिससे किसी की मौत हो सकती थी। अपराधी बेहद शतिर दिमाग थे, एेसे में उन तक पहुंचने के लिए अब सायबर सेल की मदद भी ली जा रही है।
जीआरपी दरोगा से जवाब-तलब
गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में लूट के दौरान मौजूद जीआरपी के चारों सिपाहियों को निलंबित करने के बाद अब ड्यूटी से नदारद दरोगा पर गाज गिरनी तय है। इस ट्रेन में सिपाहियों के साथ ही जीआरपी मानिकपुर के एसआइ रामधनी की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन वह बिना कोई कारण बताए ड्यूटी पर नहीं गए। एडीजी जीआरपी वीके मौर्य ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। इस मामले में एसआई से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में लूट के दौरान मौजूद जीआरपी के चारों सिपाहियों को निलंबित करने के बाद अब ड्यूटी से नदारद दरोगा पर गाज गिरनी तय है। इस ट्रेन में सिपाहियों के साथ ही जीआरपी मानिकपुर के एसआइ रामधनी की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन वह बिना कोई कारण बताए ड्यूटी पर नहीं गए। एडीजी जीआरपी वीके मौर्य ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। इस मामले में एसआई से स्पष्टीकरण मांगा गया है।