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किसानों की हितैषी बनी MP सरकार ने 450 किसानों को जारी किया गिरफ्तारी वारंट, यहां पढ़ें पूरा मामला

बिजली बिल न देना पड़ा महंगा, विद्युत चोरी के आरोप में भेजे वारंट, कुर्क होगी संपत्ति, सतना सर्किल के अमरपाटन डिवीजन का मामला

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450 farmers Issued to arrest warrant in satna

450 farmers Issued to arrest warrant in satna

सतना। विद्युत वितरण कंपनी सतना सर्किल में अमरपाटन डिवीजन के करीब 450 उपभोक्ताओं को जेल भेजने की पूरी तैयारी कर ली गई है। डिवीजन के 437 उपभोक्ताओं पर बिजली चोरी के आरोप में विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत मामले कायम किए गए थे। इनमें अधिकांश उपभोक्ता किसान हैं।

अब बिजली चोरी से त्रस्त विद्युत कंपनी इन उपभोक्ताओं को सजा दिलाकर विद्युत चोरों को कड़ा संदेश देना चाहती है। इसी को लेकर बिजली चोरी के इन सभी उपभोक्ताओं को न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट भी भेज दिए गए हैं। विद्युत कंपनी के अधिकारी उनकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू करने वाले हैं।

हर माह 15 करोड़ की बिजली चोरी

अधिकारियों के अनुसार, वारंट मिलने के बावजूद उपभोक्ताओं के पास एक मौका गिरफ्तारी से बचने के लिए मौजूद है। यदि लोक अदालत के पहले उपभोक्ता समन शुल्क भरने राजी हो जाते हैं तो गिरफ्तारी वारंट निरस्त हो सकते हैं। अमरपाटन के अलावा मैहर, सतना सिटी व सतना ग्रामीण में भी सैकड़ों प्रकरण न्यायालय में लगाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जिले में हर माह करीब 15 करोड़ की बिजली चोरी चली जाती है। इसके चलते कंपनी का राजस्व घाटा बढ़ता जा रहा है।

घरेलू व अस्थाई कनेक्शनों से चोरी
अमरपाटन डिवीजन के सभी वितरण केंद्रों में जमकर बिजली चोरी होती है। हाल ही में फसल गहाई के दौरान बिना कनेक्शन चल रहे एक सैकड़ा थ्रेसर पकड़े गए थे। इसके पहले सिंचाई के सीजन में मोटरें जब्त की गई थीं। अमरपाटन के कार्यपालन यंत्री सुभाष नागेश्वर ने बताया, डिवीजन में विद्युत चोरी के 437 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।

चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी

उक्त प्रकरणों में विद्युत कंपनी द्वारा न्यायालय के माध्यम से अभियुक्तगणों की चल-अचल सम्पत्ति कुर्क कराने की कार्रवाई की जाएगी। कार्यपालन यंत्री ने यह भी बताया कि विद्युत कंपनी द्वारा न्यायालय में लम्बित विद्युत चोरी के प्रकरणों में अभियुक्तों की मौजूदगी के लिए उनकी चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी राजस्व विभाग से हासिल कर कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी।

एक विकल्प खुला
विद्युत चोरी के प्रकरणों से संबंधित अभियुक्तगण यदि चाहें तो 22 अप्रैल को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के पहले निर्धारित समन शुल्क अदा कर गिरफ्तारी वारंट को निरस्त करा सकते हैं। इस स्थिति में विद्युत कंपनी अधिभार राशि में नियम के शर्तों के तहत छूट देगी।