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अनुसंधान केन्द्र की अनुमति लेकर लग्जरी आश्रम बनाने वाले सनकादिक बाबा पर कार्रवाई से पीछे हटा प्रशासन

सनकादिक महाराज को 10 दिसंबर को दी गई थी नोटिस, एक सप्ताह बाद कार्रवाई की थी चेतावनी  

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Administration withdraws from action on Sanakadik Baba

Administration withdraws from action on Sanakadik Baba

सतना. धर्म नगरी में आस्था की आड़ में सरकारी नियमों से खेलने वाले बाबा पर अचानक से नगर परिषद मेहरबान हो गई है। एक माह पहले जिस सनकादिक महाराज का लग्जरी आश्रम अवैध दिख रहा था अब उसी आश्रम पर कार्रवाई के लिए अधिकारी किन्तु परन्तु बताकर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। प्रदेश सरकार के माफियाराज के विरुद्ध अभियान के दौरान जांच में सनकादिक आश्रम नियम विरुद्ध पाया गया था। हद तो यह थी कि जहां बाबा का आश्रम बना है वहां बाबा ने अनुसंधान केन्द्र बनाने की अनुमति ली थी।

चित्रकूट में स्वामी चेतनदास के शिष्य सनकादिक महाराज ने अपना लग्जरी आश्रम बनाया हुआ है। नगर परिषद की जांच में पाया गया कि यहां भवन निर्माण स्वीकृति के विपरीत एवं विकास योजना के विपरीत हुआ है। यह स्थिति मिलने पर 10 दिसंबर 2019 को सीएमओ रमाकांत शुक्ला ने बाबा सनकादिक महाराज को नोटिस जारी किया। जिसमें बताया कि सनकादिक महाराज को नगर तथा ग्राम निवेश सतना से म.प्र. भूमि विकास नियम 1984 के नियम 27 के तहत कृषि मंडी से संबंधी अनुसंधान केन्द्र बनाने भवन निर्माण की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाबा ने यहां स्वीकृति के विपरीत निर्माण करवा लिया। यहां वातानुकूलित कमरे तथा स्वीकृत क्षेत्रफल के विपरीत निर्माण कराया गया। नोटिस में बाबा को बताया गया कि यह म.प्र. नगर पालिक अधिनियम 1961 की धारा 187 के तहत अवैधानिक होकर दंडनीय अपराध का कृत्य है। चेताया गया कि एक सप्ताह के अंदर स्वीकृति के अनुसार आश्रम को परिवर्तित कराएं अन्यथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के प्रावधान के अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

रद्दी की टोकरी में नोटिस

नगर परिषद की जो नोटिस बाबा को दिया गया उसका बाबा पर कोई असर तो होता नजर नहीं आया। न तो आश्रम का स्वरूप बदला और न ही नगर परिषद ने समय सीमा गुजरने पर कोई कार्रवाई की।बताया जा रहा है कि नोटिस का जो जवाब बाबा ने दिया उसका नोटिस से दूर-दूर तक लेना देना नहीं है।

आखिर मेहरबानी क्यों

सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब नगर पालिका अधिकारी ने अपने नोटिस में सारी गलती गिनाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी इसके बाद भी जब कोई सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या बाबा पर दबाव बनाने के लिए नोटिस जारी की गई थी या कुछ और वजह थी। क्योंकि इसी चित्रकूट में बहुमंजिला एक भवन को आनन फानन में गिरा दिया गया। यहां कई अन्य निर्माण भी गिराए गए जो नियम विरुद्ध थे। फिर सनकादिक महाराज पर मेहरबानी क्यों की जा रही है।

सीएमओ दे रहे गलत सफाई

मामले में सीएमओ रमाकांत शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कार्रवाई के लिए अब मामला पीआईसी में जाता है। लेकिन पीआईसी होगी नहीं। प्रशासक बैठने पर कार्रवाई होगी। उधर, जानकारों का कहना है कि यह गलत तथ्य बताए जा रहे हैं। नियमत: इसमें एक रिमाइंडर और दिया जाना चाहिए और तीसरी बार में अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा तो कुछ बड़ा गलत हो रहा है।