
Ajax coordinator dead case exposed in satna police
सतना। आजाक जिला संयोजक अभिषेक सिंह की हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने गुरुवार को वारदात में शामिल एक आरोपी को अदालत में पेश कर दिया। कोर्ट से उसे दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। पुलिस ने बिना खुलासा किए ही आरोपी को अदालत में पेश किया है। शहडोल के इस बदमाश को पुलिस सह अभियुक्त बता रही है। अब शुक्रवार की शाम आरोपी शेरू खान को अदालत में पेश कर दिया जाएगा।
जबकि हत्या के मुख्य आरोपी पीडब्ल्यूडी अफसर प्रदीप सिंह बघेल को छोडऩे के बाद अब पुलिस पछता रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी संतोष सिंह गौर ने पुलिस की कई पार्टियां रवाना की हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी शेरू उर्फ शेर खान उर्फ शेर अली पुत्र दिलदार खान (32) निवासी हरदी थाना सिंहपुर जिला शहडोल हत्या में शामिल रहा। उसकी गिरफ्तारी करते हुए लकड़ी का पटरा जब्त किया गया है, जो वारदात में उपयोग हुआ था।
फोन बंदकर कार से चले
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीडब्ल्यूडी अफसर प्रदीप सिंह बघेल ने शहडोल से सतना आने से पहले ही अपना और साथी शेर खान उर्फ शेर अली का मोबाइल फोन बंद कर दिया था। 13 अगस्त की रात दोनों शहडोल से रवाना हुए। जब थक गए तो सतना जिले की सीमा से लगे एक ढाबे में ट्रक के पीछे गाड़ी खड़ी की और दोनों उसी में सो गए थे। प्रदीप यह बात जानता था कि रात को पहुंचने पर अभिषेक उसे घर में दाखिल नहीं होने देगा और उसके आने की खबर भी सबको हो जाएगी। जब सुबह हुई तो ढाबा से रवाना होकर अभिषेक के बंगले पर पहुंचे। हत्या की वारदात को अंजाम देने के दो दिन बाद आरोपियों ने अपने फोन चालू किए थे।
धरनी का चेला है शेरू
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि शहडोल का कॉन्ट्रेक्टर धनेन्द्र उर्फ धरनी सिंह भी संदेह के दायरे में रहा। उसी के पास काम करने वाले शेरू ने पीडब्ल्यूडी अफसर प्रदीप का साथ दिया। पुलिस का कहना है कि प्रदीप के मिलने पर कई तथ्य स्पष्ट हो सकेंगे। अभी संदेह यह भी है कि प्रदीप के कहने पर ही हिसाब किताब करने के लिए धरनी सिंह ने शेरू को साथ भेजा हो। इन दोनों के अलावा भी इस मामले में और आरोपियों के होने का संदेह बना हुआ है।
आठ साल के संबंध
पुलिस सूत्रों का कहना है, प्रदीप सिंह और मृत अभिषेक की पत्नी अनामिका सिंह की करीब आठ साल से पहचान थी। दोनों के बीच अच्छे रिश्ते होने की बात भी सामने आ चुकी है। करीब तीन साल पहले अनामिका का रिश्ता होने के बाद किन्हीं कारणों से टूट गया था। फिर जब अभिषेक के साथ शादी हुई तो कुछ ही दिनों बाद अभिषेक को प्रदीप के बारे में पता चल चुका था। सूत्रों का कहना है कि प्रदीप के सामने एेसी सच्चाई आ चुकी थी जो वह सहन नहीं कर पा रहा था। इसी बात पर उसकी प्रदीप से ठन गई थी।
समझौता कराने आया दोस्त
सूत्रों के अनुसार, प्रदीप और अभिषेक के बीच समझौता कराने के लिए अभिषेक के दोस्त पिंटू ने प्रयास किए थे। उसने दोनों को मिलाने की कोशिश की थी। लेकिन, प्रदीप की हरकत से मामला बिगड़ गया। यह बात भी सामने आई कि प्रदीप ने खुले तौर पर अभिषेक को धमकी दी थी और घटना के बाद प्रदीप ने कई बार अनामिका से फोन पर बात भी की है।
मास्टर प्लान का ठेकेदार
सूत्रों के मुताबिक, हत्या की वारदात से पहले सतना के मास्टर प्लान में रहने वाला एक ठेकेदार धनी सिंह, शेर खान और प्रदीप बघेल के संपर्क में रहा। इनकी आपस में फोन पर बात हुई। १३ व १४ अगस्त की रात इचौल टोल प्लाजा में रजनीश नाम के एक व्यक्ति से भी धरनी सिंह की बात हुई। पुलिस भले ही इस अपराध में दो ही आरोपी बता रही है लेकिन यह माना जा रहा कि कुछ और लोग भी शामिल रहे। धरनी सिंह से पुलिस ने पूछताछ नहीं की और उसे बचाने की कोशिश की जा रही है। एक सलीम नाम के व्यक्ति का भी इस प्रकरण में दखल रहा है। उस तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी।
अनजान था कॉन्ट्रेक्ट किलर
पुलिस सूत्रों का कहना है कि शेरू ने बयान दिया है कि प्रदीप ने उसे किसी से हिसाब निपटाने के लिए साथ लिया था। उसे नहीं पता था कि अभिषेक कौन है? उसकी हत्या क्यों करना है? हालांकि यह बात सामने नहीं आ सकी कि वारदात के बाद प्रदीप ने शेरू को क्या दिया। यह बात भी सामने आ रही है कि इस अपराध की प्लानिंग करने वालों ने ही शेरू को पेश करा दिया है। ताकि बड़े लोगों पर पुलिस हाथ नहीं डाल सके।
पूजा के दौरान पहुंचे हत्यारे
यह बात सामने आई कि जब अभिषेक नहाने के बाद तौलिया लपेटकर पूजा करने गया था, तभी हत्यारे पहुंचे। संघर्ष में जब अचेत हो गया और दोनों ने जान लिया कि वह मर चुका है तो नग्न हालत में उसे बेड पर लिटाकर चड्डी पहना दी। पुलिस का कहना है कि जल्दबाजी में आरोपियों ने उल्टी चड्डी पहना दी थी। इसके बाद डायबटीज के इंजेक्शन वहां रखकर हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। हत्या के बाद आरोपी पीछे के गेट से बाहर निकल कर भागे थे। यह भी पता चला है कि मुख्य आरोपी प्रदीप डायबिटिक है।
साथ लिए था पिस्टल
सूत्रों के अनुसार, शेर खान के बयान में यह बात सामने आई कि अभिषेक के बंगले पर आने के बाद दोनों बाहर के गेट से अंदर आए। बंगले का मुख्य दरवाजा पहले से खुला था। घर में दाखिल होने पर प्रदीप ने उसे बरामदे में ही रखे स्कूटर के पास रोक दिया और प्रदीप अंदर चला गया। जहां दोनों के बीच कहा-सुनी हुई और फिर अचानक किसी के गिरने जैसी आवाज आई। आवाज सुनकर शेर खान अंदर पहुंचा और फिर अभिषेक के सिर पर लकड़ी के पटरे से वार कर दिया। इसके बाद अभिषेक के ऊपर चढ़कर प्रदीप संघर्ष करने लगा। एेसे में शेरखान ने अभिषेक के हाथ पकड़े और प्रदीप ने नाक व मुंह दबाकर हत्या कर दी। घटना के दौरान प्रदीप अपने साथ पिस्टल लिए था पर उपयोग नहीं किया।
Published on:
21 Sept 2018 12:53 pm
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