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शिक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति के बाद पहले बनीं DSP अब डिप्टी कलेक्टर, जानिए सफलता की कहानी

विंध्य के गौरव: एमपीपीएससी परीक्षा में 13वें स्थान पर चयनित हुईं अमृता, 16वीं रैंक पर आए देवेंद्र प्रताप सिंह

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Amrita selected on 13th place in MPPSC examination

Amrita selected on 13th place in MPPSC examination

सतना। मप्र लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में एक बार फिर विंध्य की प्रतिभा ने अपना परचम लहराया है। सतना जिले की अमृता गर्ग ने 2017 के परिणाम में 13वीं रैंक हासिल किया है। वहीं बिहटा निवासी देवेन्द्र प्रताप सिंह को 16वीं रैंक मिली है। दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है।

करीब आठ साल पहले मां के निधन के बाद दो बहन व एक भाई में सबसे बड़ी होने के चलते परिवार की जिम्मेदारी अमृता पर ही आ गई। लेकिन, स्कूली पढ़ाई के दौरान की सिविल सेवा में जाने की ठान चुकी अमृता ने प्रयास जारी रखा। पहले तो उन्होंने शासकीय विद्यालय में शिक्षिका पद पर पदस्थ रहीं मां के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति लिया।

वर्ष 2014 में डिप्टी एसपी के लिए चयनित

शाउमा कन्या विद्यालय उचेहरा में बतौर शिक्षक उन्होंने तीन साल तक सेवा दी। इस दौरान पढ़ाई जारी रखा। नतीजा वर्ष 2014 में एमपीपीएससी से डिप्टी एसपी के लिए चयनित हो गई। सफलता मिली तो हौसला बढ़ा और अब 2017 में उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पद के लिए सफलता प्राप्त कर विंध्य का गौरव बढ़ाया है।

सीनियर से प्रभावित
वर्तमान में पुलिस एकेडमी भौरी भोपाल में डीएसपी की ट्रेनिंग ले रहीं अमृता ने बताया कि वह सिविल सेवा के प्रति कक्षा 11वीं से ही आकर्षित रहीं। कक्षा 11वीं में उनकी सीनियर रुचि श्रीवास्तव का आईपीएस में सेलेक्शन हुआ था। वह सेलेक्ट होने के बाद स्कूल भी आईं। सीनियर से अमृता इस कदर प्रभावित हुईं कि पढ़ाई के दौरान हमेशा उन्हें और मेहनत करने की ऊर्जा मिलती रही। नतीजा सामने हैं।

जिम्मेदारी निभाने के साथ पूरा किया सपना
2009 में मां के निधन के बाद से अमृता और उनकी छोटी बहन जया व छोटे भाई हर्ष को पिता विष्णु प्रसाद से माता और पिता दोनों प्यार मिला। लेकिन इसके बावजूद अमृता की घर से प्रति जिम्मेदारी बढ़ गई। उन्होंने घर में छोटे बहन-भाई की जिम्मेदारी को निभाने के साथ अपना सिविल सेवा में चयन का सपना पूरा किया। अमृता अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों के साथ दादा रामकृष्ण गर्ग और नाना स्व. मोहनलाल तिवारी देती हैं।

उमेश, रविशंकर, अतुल, धीरज ने भी बढ़ाया मान
जिले के उमेश प्रजापति, रविशंकर, अतुल, धीरज और संजय ने भी मान बढ़ाया है। उमेश का चयन डीएसपी पद के लिए हुआ है। जबकि रविशंकर नायब तहसीलदार पद के लिए चयनित हुए हैं। यह सफलता उन्होंने बिजली कंपनी में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्य करते हुए प्राप्त की है। रवि शंकर वरिष्ठ समाजसेवी एवं भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य रामशंकर शुक्ल के बेटे हैं।

धीरज का चयन नायब तहसीलदार के पद पर

रविशंकर के भाई शिवशंकर शुक्ल भी नायब तहसीलदार के पद प्राप्त पर पदस्थ हैं। न्यू देवराज नगर के अतुल सोनी का नायब तहसीलदार पद पर चयन हुआ है। अतुल के पिता चंद्रमणि सोनी भी तहसीलदार हैं। वे वर्तमान में रीवा की जवा तहसील में पदस्थ हैं। धीरज का चयन भी नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है।