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बाणसागर परियोजना गांव-गांव के लिए बनेगी जीवनदायनी, नहरें लेकर जाएंगी तरक्की का पैगाम: अटल

बाणसागर परियोजना बनेगी जीवनदायनी, नहरें गांव-गांव तरक्की का पैगाम लेकर जाएंगी: अटल

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atal bihari vajpayee speech in Bansagar Dam

atal bihari vajpayee speech in Bansagar Dam

सतना। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री से लेकर मध्यप्रदेश के कई नेताओं ने उन्हें शोक संवेदना व्यक्त की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का रीवा से हमेशा जुड़ाव रहा है। वे जनसंघ के नेता के तौर पर यहां आते-जाते रहे और संगठन विस्तार के लिए कई कार्य किए है। विंध्य क्षेत्र में कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ ही लोगों की आर्थिक दशा सुधारने में अहम योगदान बाणसागर परियोजना का है। इसका लोकार्पण खुद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।

उस दौरान देवलौंद में लाखों की संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित किया। तब बाणसागर को जीवनदायनी परियोजना की संज्ञा दी थी। कहा था कि बाणसागर बांध से निकलने वाली नहरें गांव-गांव तरक्की का पैगाम लेकर जाएंगी। अटल जी ने कहा था कि सरकारें ऐसी परियोजनाओं पर कम ध्यान देती हैं जो सीधे आम लोगों को लाभ पहुंचाने का काम करती हैं।

मोरारजी देशाई ने रखी थी आधारशिला
उस दौरान प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को भी उन्होंने सराहा था, मोरारजी देशाई द्वारा बाणसागर परियोजना की आधारशिला रखी गई थी लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी बांध और नहरों का काम अधूरा था। 25 सितंबर 2006 को बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करते हुए वाजपेयी ने यह घोषणा की थी कि इसी की बदौलत मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन का प्रमुख केन्द्र बनेगा। उन्हीं के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया और विंध्य क्षेत्र वर्तमान में मालवा को टक्कर दे रहा है।

वाजपेयी का भाषण सुनने टूट पड़े थे लोग
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने आए वाजपेयी को सुनने भारी संख्या में भीड़ जुटी थी। कहा जा रहा है कि उस तरह की बड़ी रैली अब तक रीवा में नहीं हुई है। उस दौरान उन्होंने प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि यहां सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क है। यह शब्द नेताओं का डायलाग हो गया था। जिसे जनता के बीच भी अच्छी सराहना मिली थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता केशव पाण्डेय ने बताया कि पहली बार 1965 में जनसंघ का बड़ा कार्यक्रम रीवा में किया गया। यहां राजनिवास में रात्रि विश्राम लेते हुए दो दिन तक सभाएं की थी। इसके अलावा लगातार चुनाव प्रचार के दौरान आते रहे।

कार्यकर्तार्ओं के पत्र का नियमित देते थे जवाब
अटल बिहारी वाजपेयी की यह खासियत रही है कि वह कार्यकर्तार्ओं के साथ संवाद हमेशा कायम रखते थे। क्षेत्र की समस्याओं और सुझावों को लेकर जो भी पत्र उनके पास पहुंचते थे उनका वह जवाब जरूर देते थे। जिले के कई पुराने नेताओं ने पत्र अब भी धरोहर के रूप में सहेजकर रखा है।