शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं जहां इन ऑटो रिक्शा के चलते लोगो को दिक्कतों का सामना न करना पड़ रहा हो। सिविल लाईन चौक, सर्किट हाउस चौराहा, सेमरिया चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड समेत धवारी हर इलाके में इनकी बेपरवाही से आम राहगीर परेशानी झेल रहे हैं। और तो और चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस भी महज तमाशा बनी रहती है। नतीजा इनका हौसला बढ़ता ही जा रहा है। सुबह से देर रात तक चौराहों पर बेरतीबी से खड़े इन ऑटो रिक्शा के चलते अक्सर लोग अपने गंतव्य तक समय से नहीं पहुंच पाते। और तो और सवारी बिठाने के चक्कर में ऑटो चालक कब कहां रोक देंगे, कहीं से ऑटो को मोड़ देंगे कुछ पता ही नहीं चलता। इसके चलते पीछे से आ रहे वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। दो पहिया वाहन चालक तो प्रायः दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।
चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने में भी ये कम नहीं। वैसे सामान्यतया रेड लाइट से जैसे ही ग्रीन लाइट होती है, ये ऑटो वाले आसपास के वाहनों की फिक्र किए बगैर अपनी गाड़ी को भगाते हैं जिससे दूसरे वाहन चालक घायल हो रहे हैं। अक्सर टकराव की स्थिति भी बनती है।
स्टेशन रोड पर लगने वाले जाम से निबटने के लिए कलेक्टर ने बड़ा निर्णय लिया था, जिसके तहत सभी ऑटो चालकों को सख्त निर्देश दिया गया था कि वे सिटी कोतवाली से माल गोदाम तक अब ऑटो नहीं चलाएंगे। कलेक्टर ने नगर-निगम आयुक्त सहित जिम्मेदार विभाग प्रमुखों को भी निर्देशित किया था। कोतवाली तिराहा से माल गोदाम रोड तक ऑटो प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही इन ऑटो को रेलवे के अंडरब्रिज मार्ग, फिल्टर प्लांट रोड से जाने का मार्ग तय किया जाना था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। ये ऑटो चालक उन नियमों की धज्जी उड़ाने में मशगूल हैं।
“यातायात नियमों के पालन के लिए पुलिस सख्ती बरत रही है। ऑटो चालकों और बड़े वाहनों पर भी कार्रवाई होती रहती है। यातायात पुलिस एक बार फिर से अभियान शुरू करने जा रहा है जिसमें वाहन चालकों से चाहे वे ऑटो चालक हों या अन्य उन्हें कड़ाई से यातायात के नियम पालन कराए जाएगा।”-प्रभा किरण कीरो, डीएसपी यातायात