
satna powergrid
सतना. विन्ध्यांचल जबलपुर विद्युत पारेषण लाइन के पावर ग्रिड द्वारा किे जा रहे काम में व्यापक अनियमितता का आरोप लगाते हुए मैहर, रामनगर और नागौद तहसील के दर्जन भर गांवों के किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में मुआवजा वितरण में तमाम अनियमितताएं गिनाते हुए 15 दिन में प्रकरणों के निराकरण की मांग की। साथ ही चेताया कि अगर तय समयावधि में उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वे कलेक्टर आफिस के सामने आत्मदाह करेंगे।
यहां के किसान पहुंचे
मैहर, रामनगर और नागौद तहसील के ग्राम जट्टहा, नौगांव, बटैया, बड़ा इटमा, सलैया, ककरा, रिवारा, पिपरा, अमुआ टोला, बड़वार, बाबुपुर आदि गांवों के किसानों ने सौपे गए ज्ञापन में बताया कि उनकी जमीनों में पावर ग्रिड द्वारा ७६५ केवी क्षमता की पावर लाइन का काम किया जा रहा है। कई जमीनों में टावर लगाए जा रहे हैं तो शेष जमीनों के ऊपर लाइन बिछाई जा रही है। लेकिन इसमें सरकार द्वारा तय गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं पूर्व में जो लाइन का काम किया गया है उसका भी उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। प्रभावित किसान जब भी गाइड लाइन के आधार पर मुआवजा और क्षति पूर्ति की मांग करते हैं तो उनपर मुकदमा कायम करने की धमकी दी जाती है। पुलिस बल लगाकर खेतों में जबरिया काम कराया जा रहा है। इससे किसानों की फसल व्यापक पैमाने पर नष्ट हो रही है। बताया कि विगत माह रिवारा में किसान मोहन स्वरूप दुबे के खेत में पुलिस बल लगाकर जबरदस्ती काम किया गया। मुआवजे की मांग करने पर 151 की कार्यवाही करते हुए जेल में डाल दिया गया।
काम नहीं आया सीएम का आश्वासन
किसानों ने बताया कि मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान बड़ा इटमा ग्राम में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के सुभाष पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को मामले की जानकारी दी। जिस पर सीएम ने जल्द ही इस समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
बैठक भी बेमानी
किसानों ने बताया कि 24 मई को जिला प्रशासन ने किसानों और पावर ग्रिड की संयुक्त बैठक बुलाई थी। बैठक में निर्णय लिया गया था कि सतना से चमरा डोल लाइन निर्माण में प्रभावित पुराने किसानों जिनका भुगतान नहीं किया गया है उनका जल्द भुगतान किया जाएगा। साथ ही विंध्यांचल जबलपुर लाइन का सेक्शन मैप किसानों के सामने रखा जाएगा। यह भी नहीं किया गया। किसानों ने कहा कि लगातार दो साल से ज्ञापन पर ज्ञापन दिए जा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
15 दिन की चेतावनी
ज्ञापन में किसानों ने बताया कि अब अगर जिला प्रशासन 15 दिन में उनकी जायज मांगों का निराकरण नहीं करता है तो प्रभावित किसानों द्वारा कलेक्ट्रेट में आत्मदाह किया जाएगा। और इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस दौरान मोहन स्वरूप दुबे, सुभाष पाण्डेय, प्रह्लाद कोल, सुंदर सिंह, अमृतलाल गौत, तारा सिंह, हीरा सिंह, रामनारायण तिवारी, रमेश सिंह, जयभान सिंह, भागीरथ दुबे, केदार सेन, वीरेन्द्र सिंह, जयपाल सिंह आदि किसान मौजूद रहे।
Published on:
28 Jul 2018 11:17 am
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
