
Hal-e-District Hospital Blood Bank Satna
सतना। जिला अस्पताल ब्लड बैंक के संचालन में लापरवाही का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एेसा ही एक मामला फिर सामने आया है। लोगों को ब्लड बैंक में रक्तदान करने के बाद जेब भी ढीली करनी पड़ रही है। प्रबंधन रक्तदाताओं के लिए रिफ्रेशमेंट तक की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। उन्हें जूस की जगह पानी पिलाकर विदा कर दिया जाता है। पत्रिका पड़ताल में बुधवार दोपहर एेसी ही स्थिति देखने को मिली।
दरअसल जिला अस्पताल ब्लड बैंक में बीते छह माह से यह लापरवाही चल रही है। रक्तदाताओं के रिफ्रेशमेंट के नाम पर पानी देकर चलता कर दिया जाता है, जबकि नियमानुसार ब्लड बैंक में रक्तदान करने वाले लोगों को प्रबंधन द्वारा रिफ्रेशमेंट उपलब्ध कराया जाना चाहिए, लेकिन एेसा नहीं किया जा रहा है। जिससे पीडि़त के परिजनों, रक्तदाताओं को अपनी जेब ढीली कर रिफ्रेशमेंट बुलाना पड़ रहा है।
भुगतान नहीं होने से सप्लाई रुकी
ब्लड बैंक कर्मचारियों ने पत्रिका टीम के सवाल पर स्वीकार किया कि बीते छह माह से भी अधिक समय से रक्तदाताओं को रिफ्रेशमेंट नहीं दिया जा रहा है। डोनर, मरीज के परिजनों द्वारा ही रिफ्रेशमेंट का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने बताया, सप्लायर का भुगतान नहीं हुआ है जिसकी वजह से रिफ्रेशमेंट की सप्लाई रोक दी है। अस्पताल प्रबंधन को मामले की लिखित जानकारी दी गई है।
हर माह चार सौ से अधिक कर रहे रक्तदान
जिला अस्पताल ब्लड बैंक रिकॉर्ड की माने तो हर माह चार से पांच सौ लोग रक्तदान करते हैं। जनवरी में ४९६ लोगों ने रक्तदान किया। फरवरी में ४७८, मार्च में ५१० लेकिन सभी रक्तदाताओं को पानी पिलाकर चलता कर दिया गया।
केस-1
फ्रेंडस कॉलोनी निवासी रक्तदाता महेश जैन ने बताया, वे हादसे में घायल रमेश सिंगरौल को ब्लड देने आए थे। प्रबंधन द्वारा रिफ्रेशमेंट के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया। हमें स्वयं ही व्यवस्था करना पड़ा।
केस-2
रक्तदाता सोनू मसीह ने बताया, १६ वर्षीय श्वेता सिंह खून की कमी से जूझ रही है। जो जिला अस्पताल में भर्ती है। चिकित्सक के परामर्श पर ब्लड दिया। पीडि़त के परिजनों द्वारा रिफ्रेशमेंट उपलब्ध कराया गया। प्रबंधन से कुछ भी नही मिला।
कब-कितने रक्तदाता
जनवरी ४९६
फरवरी ४७८
मार्च ५१०
अपै्रल ५०३
मई २३०
Published on:
17 May 2018 01:41 pm
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