
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: चित्रकूट समग्र विकास को लेकर आईयूडीपी ने चित्रकूट डेवलपमेंट का जो डीपीआर तैयार किया है उसके अनुसार भवन बनाने के पहले मिट्टी का परीक्षण किया जाएगा। गुप्त गोदावरी और सती अनुसुइया में होने वाले निर्माण को लेकर यहां पर 25 मीटर (लगभग 82 फीट) गहराई तक मिट्टी चेक की जाएगी। इस मामले में सीएमओ ने वन विभाग से बोरहोल के लिए एनओसी चाही है।
मिली जानकारी के अनुसार सती अनुसुइया और गुप्त गोदावरी एरिया में चित्रकूट समग्र विकास को लेकर आईयूडीपी ने जो डीपीआर तैयार की है उसमें इन स्थलों पर मल्टी फैसिलिटी सेंटर और कॉमर्शियल जोन बनाए जाने हैं। मल्टी फैसीलिटी सेंटर बहुमंजिला इमारत होगी। जिसमें एक मंजिल में पार्किंग, दूसरी में डोरमेट्री और तीसरी रेस्टोरेंट का प्रावधान है। कॉमर्शियल जोन में भी बहुमंजिला भवन बनाए जाने हैं।
चूंकि यह पहाड़ी क्षेत्र है लिहाजा यहां बहुमंजिला भवन बनाने से पहले मिट्टी का पता लगाना अनिवार्य है। ताकि उस हिसाब से नींव तैयार की जा सके। जिससे भवन नेशनल बिल्डिंग कोड के आधार पर बने और सुरक्षित रहे। इसे लेकर गुप्त गोदावरी और सती अनुसुइया क्षेत्र में भवन संरचना डिजाइन के लिए निर्धारित स्थलों से मिट्टी का परीक्षण किया जाना है।
मिट्टी का परीक्षण करने के लिए निर्धारित स्थलों पर 6 इंच ब्यास के बोर होल 10 मीटर से 25 मीटर गहराई तक किए जाएंगे। सैम्पल लेने के बाद इन बोरहोल को बंद किया जाएगा। इनमें से कुछ बोर होल वन एरिया में किए जाने हैं। लिहाजा सीएमओ ने वन मंडलाधिकारी सतना से एनओसी की मांग की है।
Published on:
26 Sept 2025 03:39 pm
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