बताया गया, जैसे ही सीएम सभा को संबोधित करने वाले थे, तभी विधायक चौधरी मंच पर पहुंचीं और सीएम को गुलदस्ता दिया। जिसे शिवराज ने स्वीकारते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कुछ देर चर्चा के बाद वे मंच पर ही भाजपा जिलाध्यक्ष के पास जाकर चर्चारत रहीं। इसके बाद चली गईं। विधायक के मंच पर पहुंच कर गुलदस्ता देने पर चर्चा शुरू हो गई। मंच पर ही किसी ने ऊषा चौधरी से कहा, बहुत हो गया अब आ जाइए।
इस तरह से मुलाकातों का दौर जारी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा, वे अपने क्षेत्र में आए मुख्यमंत्री का स्वागत करने आई थीं। गुलदस्ता भेंट कर चली गईं। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उनका स्वागत यह साबित कर गया कि सीएम को आशीर्वाद खुले मन से मिल रहा है।
विधायक ऊषा चौधरी ने कहा, शिवराज सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वे पहली बार मेरे क्षेत्र में आए हैं। इसलिये स्वागत करने पहुंची थी। उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं का ज्ञापन दिया है। जहां तक दल बदलने की बात है तो हम नदी के दो किनारे हैं। जो कभी एक नहीं हो सकते।
बिरसिंहपुर में सभा के दौरान मेधावी छात्रा साक्षी अग्रवाल मुख्यमंत्री को कम्प्यूटर वापस करने पहुंची। सुबह से आई साक्षी सीएम से मिलने के इंतजार में मंच के पास जमीन पर बैठी रही। जब सीएम सभास्थल पहुंचे तो पहले उसे सामान्य तौर पर नहीं मिलने दिया गया। किसी तरह स्थानीय नेताओं की कोशिश के बाद वह मंच तक पहुंचने में कामयाब हो गई।
सीएम जब अपना भाषण देकर वापस लौटने लगे तो साक्षी ने उन्हें रोककर ज्ञापन दिया। बताया कि वह अपना कम्प्यूटर लौटाना चाहती है। ज्ञापन लेने के बाद सीएम ने कहा कि तुम्हारा पूरा मामला मुझे पता है। तुम कम्प्यूटर वापस मत करो। बिजली प्रकरण का तुम्हारा मामला निराकृत कराया जाएगा।
बता दें कि हायर सेकंडरी परीक्षा में 86 फीसदी अंक पाने वाली बिरसिंहपुर की मेधावी छात्रा साक्षी अग्रवाल को योजना के कम्प्यूटर प्रिंटर का उपयोग करना भारी पड़ गया था। बिजली कंपनी के विजिलेंस दस्ते ने मामले में कम्प्यूटर और प्रिंटर उपयोग को अधिभार की श्रेणी में मानते हुए बिजली चोरी का प्रकरण बना दिया था। इससे नाराज साक्षी ने मुख्यमंत्री को अपना कम्प्यूटर वापस करने की घोषणा की थी।
जब साक्षी शिवराज से मिलने मंच पर जाने लगी तो बिजली कंपनी के अधिकारियों की पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ देखी गईं। वे लगातार इस प्रयास में जुटे रहे कि साक्षी को सीएम से न मिलने दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने साक्षी से मुलाकात के बाद अपनी संवेदनशीलता का पूरा परिचय दिया। साक्षी का ज्ञापन लेकर वे सीधे निकले नहीं बल्कि एक मेधावी छात्रा की पीड़ा को समझते हुए वापस माइक पर आए। कहा कि एक बच्ची आई थी बिजली के प्रकरण को लेकर मुझे ज्ञापन दिया है।