
चित्रकूट नगरी मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा में बसा पवित्र स्थान है जो की 38.2 किलोमीटर में फैला हुआ है। यह स्थान उप्र के बांदा जिला में और एमपी के सतना के मध्य बसा हुआ है। चित्रकूट धाम का नाम रामायण काल से जुड़ा हुआ है। यहां पर ऋषि अत्रि और माता अनुशिया निवास करते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान् राम और सीता अपने अनुज लक्ष्मण समेत वनवास पर गए थे तब 14 बर्षों के वनवास में से 11 वर्ष उन्होंने यहीं पर बिताए थे। इसी वजह से यहां पर कई दर्शनीय स्थल हैं। जहां जहां पर भगवान रुके थे वहां हर जगह सुंदर मंदिर और लोगों के रुकने के स्थान बने हुए हैं।
प्राकृतिक दृश्यों की वजह से है बेहद खास
यह जगह प्राकृतिक दृश्यों की वजह से बेहद खास है। यहां पर पहाड़ों पर से बहते झरने, पक्षियों की चहचआहट और चारों तरफ बिखरी हरियाली किसी का भी मन मोह लेती है। बारिश के बाद तो यहां पर आना मन को आनंद से भर देता है।
कब और कैसे जाएं चित्रकूट : यहां सभी मौसम में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है लेकिन फेस्टिवल के समय खास तौर पर दीपावली के अवसर पर चित्रकूट दर्शन का सबसे बेस्ट समय होता है। इस मौसम में चित्रकूट चारों तरफ दीप से जगमगा उठता है। यहां पर रुकने के लिए जगह जगह पर धर्मशालाएं हैं। कई धर्मशालाएं नि:शुल्क हैं।
होटल रुकने के लिए उपलब्ध हैं जिनका चार्ज 500 रूपए से 5000 तक होता है। यात्रा के लिए रेल, हवाई जहाज और सड़क के माध्यम से बड़े आसानी से पहुंचा जा सकता है।
यहां जाना न भूलें
1. सीता रसोई 2. राम घाट 3. गुप्त गोदावरी 4. जानकी कुंड 5. भरतकूप
6. राम - भरत मिलाप मंदिर 7. हनुमान धारा 8. सीता चरण मुद्रित सिला
चित्रकूट में इनके अलावा भी बहुत जगह घूमने के लिए हैं। जब आप यहां घूमने आएं तो समय निकल कर आएं क्योंकि यहां आने बाद वापस लौटने का मन नहीं करता है।
Updated on:
11 Jun 2022 09:53 am
Published on:
11 Jun 2022 09:51 am
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