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जनप्रतिनिधियों के सपनों पर टूटा पहाड़, कमलाकर को सहकारी बैंक का प्रशासक बनाने की तैयारी

कांग्रेस को हटा कर बनी भाजपा की सरकार में असंतोष को थामने के लिए सहकारी बैंकों की कमान विधायक सांसद को देने की मंशा तो सीएम ने दिखाई। लेकिन जनप्रतिनिधियों के ये सपने सतना में टूटते दिख रहे हैं क्योंकि अभी भी सहकारिता की डोर सीएम और मंत्री कमलाकर के हाथ में ही देखना चाह रहे हैं।

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CM in favor of giving the command of cooperative to Kamalakar chaturvedi

CM in favor of giving the command of cooperative to Kamalakar chaturvedi

सतना। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सरकार पार्टी में बढ़ रहे असंतोष को देखते हुए असंतुष्ट सांसदों और विधायकों को जिला सहकारी बैंक में अध्यक्ष की कुर्सी देने की न केवल तैयारी की बल्कि इसके लिए अध्यादेश भी लेकर आई। इसके बाद सतना जिले से भी जनप्रतिनिधियों ने सहकारी बैंक अध्यक्ष के सपने देखने शुरू कर दिए थे। लेकिन उनके सपने तब टूट गए जब सरकार ने एक बार फिर पुराने अध्यक्ष कमलाकर चतुर्वेदी पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें ही प्रशासन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। उधर यह जानकारी मिलते ही एक बार फिर कुछ जनप्रतिनिधि भोपाल की आमद रफ्त बढ़ाने वाले हैं।

सीएम और मंत्री का पत्र
मामला तब सामने आया जब शासन न उपआयुक्त सहकारिता सतना को पत्र लिख कर पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक कमलाकर चतुर्वेदी के संबंध में तथ्यात्मक प्रतिवेदन चाहा है। इस जानकारी को लेकर बताया गया है कि चतुर्वेदी को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का पत्र सहकारिता विभाग को मिला है साथ ही मंत्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने भी कमलाकर चतुर्वेदी पिता दिवाकर चतुर्वेदी को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का प्रशासक नियुक्त करने पत्र लिखा है। ऐसे में उप आयुक्त सहकारिता मध्यप्रदेश ने कहा है कि शासन की मंशानुरूप चतुर्वेदी की पात्रता का परीक्षण कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन तत्काल भेजा जाए।
यह लाया गया था विधेयक
अपैक्स बैंक के साथ-साथ तमाम सहकारी बैंकों में सांसद और विधायक भी प्रशासक बन सकें इसके लिए कैबिनेट में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी (संशोधन) अध्यादेश 2020 पास किया जा चुका है। इसमें सांसद-विधायकों को प्रशासक नहीं बनाए जाने के नियम को हटा दिया गया। इसके साथ यह जोड़ा गया है कि प्रशासक के सहयोग के लिए एक प्रशासकीय समिति बनेगी। इस समिति में तीन अशासकीय सदस्य और दो शासकीय सदस्य होंगे।
शासकीय सदस्यों में एक रजिस्ट्रार और एक वित्त विभाग का व्यक्ति होगा। सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश के लागू होने के बाद अपेक्स बैंक में किसी जनप्रतिनिधि की नियुक्ति के रास्ते खुल गए थे।
तो क्या नये समीकरण
अब जिस तरीके से सहकारिता में कमलाकर चतुर्वेदी पर विश्वास जताया गया है उससे जिले की राजनीति में नये समीकरण को साधने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि वर्तमान राजनीतिक हालातों में जातीय समीकरण को लेकर तमाम कयासबाजी हो रहीं है और सरकार तक मामला पहुंच रहा है। हालांकि कार्यकाल समाप्त होने के पहले तक कमलाकर चतुर्वेदी के बेटे रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा बैंक के डायरेक्टर रहे हैं। कार्यकाल समाप्ति के बाद कलेक्टर को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।