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satna: राजस्व विभाग के अफसरों की कार्यशैली से कलेक्टर असंतुष्ट

बोले, मेरे एक साल के कार्यकाल में एक बार भी नहीं हुए अपग्रेड सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान जताई नाराजगी

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satna: राजस्व विभाग के अफसरों की कार्यशैली से कलेक्टर असंतुष्ट

satna: Collector dissatisfied with the working style of revenue officers

सतना. समय सीमा बैठक में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान बेहतर प्रगति नहीं पाई। इस पर कलेक्टर ने सभी एसडीएम और जिला विभाग प्रमुखों से कहा कि कौन ऐसा है जिसने सीएम हेल्पलाइन में अच्छा काम किया है और अपने काम से संतुष्ट है। लेकिन एक भी अधिकारी इस मामले में सामने नहीं आए। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जब आप लोग स्वयं अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं तो फिर कैसे बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है। बैठक में अपर कलेक्टर संस्कृति जैन, निगमायुक्त राजेश शाही सहित सभी एसडीएम, सभी जिला विभाग प्रमुख, जनपद सीईओ और सीएमओ मौजूद रहे।

एक साल में राजस्व को कभी अपग्रेड नहीं देखा

सीएम हेल्पलाइन में राजस्व विभाग की परफार्मेंस अच्छी नहीं मिली। इस पर कलेक्टर ने कहा कि एक साल के अपने कार्यकाल के दौरान कभी नहीं देखा कि राजस्व विभाग के अफसरों ने अपग्रेड किया हो। जिले में एक भी एसडीएम ऐसा नहीं है जो दक्षता पूर्वक तहसीलदार से काम करवा सके। इसके बाद सभी एसडीएम से पूछ लिया कि साल भर में एक भी पटवारी को कमजोर परफार्मेंस पर दण्डित किया हो तो बताओ। लेकिन कोई भी जवाब नहीं आया।

ये अफसर वेतन कटौती के दायरे में

सर्वाधिक शिकायत वाले विभागों के अधिकारियों पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ग्रेडिंग के पश्चात ‘‘डी’’ श्रेणी में पाए जाने वाले विभाग प्रमुखों की वेतन कटेगी। इसी प्रकार दो दिनों में परफॉर्मेंस में उल्लेखित सुधार नहीं पाए जाने पर ऊर्जा विभाग के अधीक्षण यंत्री, खाद्य विभाग के डीएसओ सहित सभी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और एसडीएम का एक-एक दिन का वेतन काटने कहा। लेकिन अफसरों ने एक दिन का मौका मांगा। इसे कलेक्टर ने स्वीकार करते हुए कहा है कि यह कार्यवाही 20 दिसंबर की ग्रेडिंग के पश्चात की जाएगी।

विलंब पर नोटिस

लोक सेवा गारंटी के प्रकरण समय सीमा में नहीं निराकृत करने पर कलेक्टर ने सीईओ अमरपाटन और सीएमओ नगर पंचायत रामनगर को शो-कॉज जारी करने कहा। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 6217 किसानों का सत्यापन शेष है। जिसमें सबसे अधिक मैहर में लंबित पाए जाने पर तहसीलदार मैहर को शो-कॉज जारी करने के निर्देश दिए।

जब आमने सामने हुए दो अफसर

जल जीवन मिशन के कामों की समीक्षा के दौरान जल निगम के प्रभारी महाप्रबंधक ने बताया कि मड़कड़ा में ठेकेदार दीपू मिश्रा, मसमासी में अमर पटेल और मैहर भदनपुर में अनूप तिवारी पाइप लाइन बिछाने के काम में बाधा पैदा कर रहे हैं। यह सुनते ही यहां मौजूद एमपीएसआरडीसी के महाप्रबंधक जीपी मिश्रा ने कहा कि ऐसा नहीं है। इनके द्वारा सड़क के किनारे जगह होने पर भी बीच सड़क में खुदाई की जा रही है। इसके बाद सड़क का रेस्टोरेशन नहीं किया जाता है। हमारे द्वारा मापदण्डों पर सड़क बनाई जाती है। ये खोद कर खराब कर देते हैं और गायब हो जाते हैं। ऐसे में गारंटी अवधि होने पर ठेकेदार आपत्ति तो करेंगे ही। इस पर कलेक्टर ने कहा कि रेस्टोरेशन का काम सही तरीके से और तत्काल करें। वहीं अनावश्यक सड़क खराब न की जाए।

धान का परिवहन धीमा होने पर ट्रांसपोर्टर को नोटिस

कलेक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा के दौरान डीएम नान से कहा कि सतना जिले में परिवहन की स्थिति काफी कमजोर है। प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में यहां परिवहन काफी धीमे हो रहा है। इस पर संबंधित ट्रांसपोर्टर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने डीएम नान से पूछा कि परिवहन में कितने ट्रक लगाए हो। इस पर बताया कि ढाई सौ ट्रक लगे हैं। कलेक्टर ने कहा कि इतने ट्रकों से क्या होगा। ट्रक संख्या बढ़वाओ। इसके लिये दबाव डालो। 1.57 लाख टन के विरुद्ध 52 हजार टन धान का परिवहन खरीदी केन्द्र से गोदाम के लिये होना पाया गया। 50 फीसदी के लगभग परिवहन को काफी कम परिवहन मानते हुए कलेक्टर ने ट्रांसपोर्टर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

फिर भीड़ क्यों लग रही

कलेक्टर ने कहा कि जब स्लाट बुकिंग के आधार पर तौल हो रही है तो खरीदी केन्द्रों में किसानों की भीड़ क्यों लग रही है। इस पर नागौद एसडीएम ने कहा कि समूहों के पास पर्याप्त मजदूर नहीं है। जिससे तौल, सिलाई आदि में काफी विलंब हो रहा है। इस पर कलेक्टर ने एसडीएम से कहा कि ऐसे समूहों को खरीदी केंद्र चलाने में अक्षमता मानते हुए ब्लॉक स्तरीय समिति से खरीदी केंद्र वापस लेने और समूहों को ब्लैक लिस्टेड करने नोटिस जारी कराएं।

ऑन स्पॉट करें कार्रवाई

सभी एसडीएम सहित सहकारिता, नान और खाद्य के अधिकारियों से कहा कि लगातार क्षेत्र भ्रमण करें। खरीदी संबंधी मिल रही शिकायतों का निराकरण स्थानीय स्तर पर करें। यदि किसी समिति या समूह द्वारा खरीदी कार्य में गड़बड़ी की जा रही है, तो ऑन स्पॉट कार्यवाही भी करें।

समिति गठित नहीं होने पर नाराजगी

खरीदी का काम कर रहे समूहों पर सीधा नियंत्रण जिला पंचायत का है और एनआरएलएम का काम इनकी निगरानी है। कलेक्टर ने जब इस संबंध में गठित की गई कमेटी की जानकारी ली तो पता चला कि अभी तक कमेटी ही गठित नहीं हुई है। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल कमेटी गठित करने और निरंतर जांच करने के निर्देश दिए।