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प्रभार पर सतना नगर निगम: 20 दिन में स्थाई आयुक्त नहीं तलाश पाई राज्य सरकार

कर्मचारियों के वेतन भुगतान रुके तो उपायुक्त भूपेन्द्र देव को सौंपा प्रभार

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Commissioner Satna Municipal Corporation

आयुक्त का पदभार ग्रहण करते उपायुक्त परमार

सतना। स्मार्ट सिटी सतना के लिए 20 दिन बाद राज्य सरकार स्थाई आयुक्त नहीं तलाश सकी। ऐसे में निगम कर्मचारियों के वेतन भुगतान अटके तो बुधवार को आनन फानन में आदेश जारी करते हुए उपायुक्त भूपेन्द्र देव परमार को निगम आयुक्त का वित्तीय प्रभार दे दिया। राज्य शासन से आयुक्त के रिक्त पद पर अस्थाई रूप से नियुक्ति का पत्र मिलते ही परमार ने आयुक्त का पदभार ग्रहण कर लिया।


इसके साथ ही भूपेन्द्र देव नगर निगम के तीसरे पार्ट टाइम आयुक्त बनने का गौरव हासिल किया। इससे पहले साल 2005 में आयुक्त एनपी प्रजापति का स्थानांतरण होने के बाद निगम के वरिष्ठ कार्यपालन यंत्री एचपी वर्मा को एक माह के लिए आयुक्त का वित्तीय प्रभार दिया गया है। वहीं साल 2017 में तत्कालीन आयुक्त सुरेन्द्र कुमार कथूरिया को लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद आयुक्त की कुर्सी खाली हो गई थी। तब 10 दिन तक नए आयुक्ति की पदस्थापना न होने पर नगर निगम में पदस्थ उपायुक्त राम प्रसाद डहेरिया को 13 दिन के लिए आयुक्त का वित्तीय प्रभार दिया गया है।


नगर निगम आयुक्त अभिषेक गेहलोत का 24 फरवरी को भोपाल के लिए तबादला हो गया था। वे 29 फरवरी को भोपाल के लिए रिलीव भी हो गए। लेकिन उनके स्थान पर राज्य शासन द्वारा सतना नगर निगम में नए आयुक्त की पदस्थापना नहीं की गई। जिससे निगम के वित्तीय कार्य प्रभावित हो रहे थे। बुधवार को उपायुक्त परमार को आयुक्त का वित्तीय प्रभार मिलते ही निगम की 15 दिन से रुकी जरूरी फाइले दौड़ने लगी।