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दो साल में पचास फीसदी भी नहीं पूरा हुआ पुल का निर्माण

पुरानी पुल के क्रेक होने से वाहनों को लगाना पड़ रहा 65-70 किमी चक्कर-अधूरे काम के कारण मिल गया 16 माह का एक्सटेंशन-बहरी-हनुमना मार्ग के जोगदह सोन नदी पुल का मामला-अभी करीब 45 फ ीसदी ही हो पाया है पुल का निर्माण-बीच धार के दो मुख्य पिलर बनाना शेष-पुरानी पुल के क्रेक होने से आवागमन हो चुका है प्रतिबंधित

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Construction of bridge not even fifty percent completed in two years

Construction of bridge not even fifty percent completed in two years

सीधी। बहरी-हनुमना मार्ग में सोन नदी के जोगदह घाट पर पुरानी पुल के क्रेक होने व नवीन पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाने से इस रूट में चलने वाले वाहन संचालकों को काफी परेशानी हो रही है। एमपीआरडीसी की प्राथमिक रिपोर्ट पर एसडीएम सिहावल द्वारा पुल का निरीक्षण करने के बाद दो पहिया वाहन व पैदल के अलावा सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में वाहन संचालकों को बाया कमर्जी-पटपरा मार्ग होकर चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिसमें उन्हें करीब 65 से 70 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। इधर नवीन पुल का निर्माण द्रुत गति से चलने के कारण अभी इसे पूरा होने में छ: माह से भी अधिक का समय लग जाएगा। ऐसे में यदि कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं बनती तो बहरी से हनुमना की ओर जाने वाले लोगों के साथ ही इस रूट से चलने वाले वाहन संचालकों को भी काफी परेशान होना पड़ेगा।
बता दें बहरी-हनुमना मार्ग में किमी 10/2 सोन नदी जोगदह घाट में 675 मीटर लंबी पुल निर्माण की जिम्मेदारी टेंडर के आधार पर मेसर्स भैयालाल क्रांस्ट्रक्शन कंपनी रीवा को सौंपी गई हैं, पुल निर्माण के लिए जारी कार्यादेश में इसे पूर्ण करने की तिथि 17 फरवरी 2022 निर्धारित की गई थी, लेकिन निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर निर्माण कंपनी को 16 माह का एक्सटेंशन दे दिया गया, यानि अब पुल का निर्माण कार्य पूरा करने की तिथि जून 2023 निर्धारित है। लेकिन जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है, उससे नहीं लगता की उक्त निर्धारित तिथि तक कार्य पूरा हो पाएगा।
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2371 लाख की लागत से हो रहा पुल निर्माण-
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नवीन पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृत 2789.89 लाख रुपये में 12 अप्रैल 2018 को मिली थी, जबकि तकनीकि स्वीकृति 2371.31 लाख रुपये में 24 मार्च 2018 को जारी की गई। मेसर्स भैयालाल इंफास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को कार्यादेश 18 फरवरी 2020 को जारी किया गया, जिसमें कार्य पूर्ण करने की समयसीमा 17 फरवरी 2022 निर्धारित की गई थी। पुल का निर्माण नेशनल डवलपमेंट बैंक (एनडीबी) मद से किया जा रहा है।
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अभी पचास फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया कार्य-
पुल का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से किया जा रहा है। कार्यादेश जारी होने के ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक महज करीब 45 फीसदी कार्य ही हो पाया है। इसमें में भी नदी के बीच धार वाले दो महत्वपूर्ण पिलरों का अभी श्री गणेश ही नहीं हो पाया है। ऐसे में कार्य पूरा करने की बचे सात महीनों में कार्य पूर्ण हो पाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकी विभागीय अधिकारियों का कहना है की पिलर तैयार होने के बाद स्लैप डालने में ज्यादा समय नहीं लगेगा और निर्धारित की गई समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
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निर्धारित समयसीमा में पूरा हो जाएगा कार्य-
पुल निर्माण हेतु कार्यादेश जारी होने के बाद आवंटन मिलने में समय लग गया था, जिसके कारण निर्माण कार्य देर से शुरू हो पाया। ऐसी स्थिति में निर्माण कंपनी को 16 माह का एक्सटेंशन देना पड़ा। अब कार्य तेज गति से चल रहा है, जून 2023 तक कार्य लगभग पूरा हो जाएगा।
अशोक सिंह, उपयंत्री सेतु निर्माण विभाग सीधी
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फैक्ट फाइल-
पुल की लंबाई- 675 मीटर
प्रशासकीय स्वीकृति- 2789.89 लाख
तकनीकी स्वीकृति- 2371.31 लाख
कार्यादेश जारी होने का दिनांक- 18.02.2020
कार्य पूरा करने की तिथि- 17.02.2022
मद- नेशनल डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी)
निर्माण एजेंसी- सेतु निर्माण विभाग
निर्माण कंपनी- मेसर्स भैयालाल इंफास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड रीवा
कार्य की स्थिति- लगभग 45 प्रतिशत
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