
Data to be leaking the photo roll in Satna-Rewa of Election Commission
सतना। फोटोयुक्त नामावली के संवेदनशील कार्य में सतना और रीवा जिले में डाटा लीक होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त तक पहुंची इस शिकायत में बताया गया कि वेंडर द्वारा नियमों को ताक पर रख कर जिला निर्वाचन कार्यालय में किये जाने वाले कार्य को दिल्ली से करवाया जा रहा है, जिससे न केवल डेटा लीक होने की आशंका है बल्कि पासवर्ड भी लीक हो रहा है। इतना ही नहीं वेंडर पर सत्ताधारी दल के लोगों को इस संवेदनशील काम में रखने का आरोप लगाया गया है।
ये है मामला
मिली जानकारी के अनुसार आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को की गई शिकायत में बताया है कि प्रदेश में मतदाताओं की फोटो युक्त नामावली का संवेदनशील कार्य मप्र सरकार की संस्था मप्र स्टेट इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन द्वारा निजी वेंडरों के माध्यम कराया जा रहा है। इन वेंडरों द्वारा तमाम नियम कानूनों को तोड़कर स्थानीय राजनीतिक व्यक्तियों विशेषकर सत्ताधारी भाजपा के लोगो की सुविधानुसार कार्य निष्पादित किया जा रहा है।
फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र भी संदिग्ध
बताया कि रीवा और सतना जिलों में मतदाताओं की फोटो नामावली का कार्य आद्या इंटरप्राइजेज हुबली द्वारा किया जा रहा है जिसके मालिक अतुल सिंह हैं। इनके द्वारा निर्वाचन संबंधी जानकारी की गोपनीयता भंग कर रीवा/सतना के बाहर दिल्ली और अन्य स्थानों पर फोटो नामावली का काम कराया जा रहा है। इससे मतदाताओं की निजता भंग होने के साथ डेटा भी लीक हो रहा है जो गंभीर प्रकृति का अपराध है। दुबे ने इसकी जांच की मांग करते हुए यह भी आशंका जताई है कि इस फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र भी संदिग्ध हैं।
राशि बचाने का खेल
एक्टिविस्ट अजय दुबे ने बताया कि वेंडर के लिए सख्त नियम है कि मतदाता सूची और उससे जुड़े सभी काम जिला निर्वाचन कार्यालय या उसके द्वारा आवंटित स्थल पर ही किया जाए। यह कक्ष पूरी तरह से गोपनीय होता है और यहां अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है। लेकिन सतना और रीवा के वेंडर द्वारा अपना मुनाफा बचाने के लिये मतदाता पहचान पत्र और सूची का काम दिल्ली से करवाया जा रहा है। जो कि गलत है और इससे गोपनीयता भी भंग हो रही है। इतना ही नहीं इसका अनुभव भी संदिग्ध है। इस मामले में आयोग को शिकायत की गई है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश के 51 जिलों में इस तरह की 21 फर्मों द्वारा मतदाता सूची से जुड़े संवेदनशील कार्यों को संपादित किया जा रहा है, लेकिन सरकार और सत्ताधारी दल के प्रभाव में इनकी गड़बडिय़ों को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा भी इसकी पर्याप्त मानीटरिंग नहीं हो रही है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
पूर्व एमएलए के लोगों को रखा
दुबे ने शिकायत में बताया है कि आद्या फ र्म ने मतदाता सूची से जुड़े कार्यों में सतना जिले में अमरपाटन और रामपुर बाघेलान में पूर्व भाजपा एमएलए के लोगों को रखकर गोपनीयता भंग की है। इससे पासवर्ड के साथ डेटा भी लीक हुआ है। इतना ही नहीं, रीवा जिले में निर्वाचन शाखा में पदस्थ निर्वाचन पर्यवेक्षक गौतम के कई परिवारजनों को इस फर्म में नौकरी दी गयी है कनफ्लिक्ट ऑफ इन्टरेस्ट (ऐसी स्थिति जिसमें सरकारी अधिकारी कर्मचारी का निर्णय या व्यक्तिगत रुचि प्रभावित हो) की स्थिति है।
Published on:
24 Aug 2018 02:03 pm
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