
disabled children Participate in Rangoli competition in satna
सतना. जो बच्चे देख नहीं सकते, वे एक-दूसरे को पीछे छोड़कर आगे की ओर दौड़ रहे थे। जो सुन-बोल नहीं सकते वे भी अपनी सुंदर कल्पनाआें को कागज में उकेर रहे थे और जो चल नहीं सकते उन्होंने रंग-बिरंगी रंगोली सजा कर समाज को बेटी बचाने का संदेश दे डाला। एेसा लगा जैसे इन बच्चों को अवसर की तलाश थी। अवसर मिलते ही वे सभी एक-साथ उड़ान भरने लगे। जी हां, एेसा ही कुछ नजारा था बुधवार को पतेरी स्थित समरिटन सोशल सर्विस सोसाइटी कार्यालय में। यहां संस्था द्वारा डिसएबल बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें उन्होंने हौसलों की उड़ान भरी। साथ ही समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया कि जज्बा हो तो कुछ भी किया सकता है। सफलता में को भी कमी आड़े नहीं आती।
दिखाया हुनर
संस्था द्वारा डिसएबल बच्चों के लिए डिफरेंट कॉम्पिटिशन ऑर्गनाइज की गई। पंेटिंग, दौड़, कुर्सी, स्पून, रंगोली, सिंगिंग, डांसिंग में लगभग २५० डिसेएबल बच्चों ने न सिर्फ भाग लिया बल्कि एक से बढ़कर एक हुनर को प्रजेंट किया। पेंटिंग में प्राकृतिक दृश्य, मोर, लवबर्ड, गुड फैमिली का चित्रण किया तो रंगोली में बेटी बचाओ, स्वच्छ भारत का संदेश दिया। इतना ही नहीं, कुर्सी और कई प्रकार की रेस में सभी ने जमकर मस्ती की। सिंगिंग और डांसिंग में सभी ने मनमोहक प्रस्तुति दी। प्रतियोगिता में स्नेह सदन पतेरी, प्रेम सदन कोठी और सीडब्ल्यूएनएस सिविल लाइन के स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
विजेता हुए पुरस्कृत
सभी प्रतियोगिता में फस्र्ट, सेकंड लाने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट, शील्ड देकर सम्मानित किया गया। सभी को एक-एक कंबल प्रदान किया गया। दो जरूरतमंद बच्चों को ट्राइसाइकिल दिया गया। स्केटिंग के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाले शिवांशू को सम्मानित किया गया। संचालन श्यामलाल सोनी ने किया। मौके पर संस्था से फादर रोनी, फादर शीनू, फादर जिम्मी, डिक्शन, मंडी डायरेक्टर गुड्डा सिंह, पार्षद रामकुमार तिवारी, पीयूष सिंह समाजसेवी राजीव बैरागी, प्रागेंद्र बागरी, नीरज सिंह व पकंज उर्मलिया मौजूद रहे।
Published on:
21 Dec 2017 12:55 pm
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