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भारत सरकार ने सहायक नदियों में प्रदूषण की रोकथाम और सतत प्रवाह बनाए रखने के निर्देश दिए थे। निर्णय राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में लिया गया था। राज्यों को राज्य गंगा समिति और जिला गंगा समितियां(District Ganga committee) गठित करने के निर्देश दिए गए। जिला स्तरीय समितियां कलेक्टर की अध्यक्षता में काम करेंगी। समितियां सहायक नदियों के साथ लगने वाले खराब क्षेत्र (डिग्रेडेड एरिया) के पुनरुद्धार, मरमत-पुनर्वास की दिशा में काम करेंगी। नदी और उसके तल के संभावित खतरों की पहचान करेंगी। सुधारात्मक योजना तैयार करेंगी। नदियों में पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने का भी काम किया जाएगा।
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भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, इंदौर, उज्जैन, देवास, आगर, अशोकनगर, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, निवाड़ी, दतिया, गुना, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, कटनी, रीवा, सतना, भिंड, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर, श्योपुर, छतरपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और उमरिया जिले में समिति बनेंगी।