
Satna District Hospital now has the number one in the target
सतना. जिला अस्पताल में डाक्टर सहित स्टाफ ने गर्भवती से की मारपीट के मामले का पत्रिका में खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार जागे हैं। सिविल सर्जन ने बुधवार देर रात आनन-फानन में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। जिसे तीन दिन में अभिमत सहित जांच रिपोर्ट तलब की गई है।
दो सदस्यीय जांच टीम में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कारखुर और अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह को शामिल किया गया है। टीम ने गुरुवार सुबह से मामले की जांच आरंभ कर दी है। टीम के सदस्यों ने पहले दिन गायनी वार्ड में दाखिल प्रसूता और उसके परिजनों के बयान दर्ज किए। पूछा कि ओटी में चिकित्सक के अलावा किसने-किसने उसके साथ मारपीट की है।
दर्द की शिकायत पर पीटा-
टीम के सामने प्रसूता और उसके परिजनों ने बयान दर्ज कराए। प्रसूता वंदना द्विवेदी ने टीम को बताया कि ऑपरेशन थ्ॉयेटर में इंजेक्शन लगने के बाद उसे तेज दर्द होने लगा। जिसकी शिकायत उसने मौके पर मौजूद चिकित्सक सहित नर्सिग स्टाफ से दर्ज करायी लेकिन सबने अनसुना कर दिया। मुझे तकलीफ बहुत ज्यादा हो रही थी, टेबल पर लेटा नहीं जा रहा था। चिकित्सक दोबारा शिकायत दर्ज करायी तो चिकित्सक ने कहा, अकेले जुझे दर्द हो रहा है, हमनें आधा दर्जन को इंजेक्शन लगाया है किसी को तकलीफ नहीं हो रही। बहाना कर रही है कह, अचानक तमाचे जडऩे आरंभ कर दिए। तकलीफ बढऩे से वह बेहोश हो गई।
शिकायत ही हमारे बयान-
प्रसूता के पति कृष्णकुमार ने कहा, हमने जो शिकायत दर्ज करायी है। वहीं हमारे बयान हैं। शिकायत में सच्चाई लिखी गई है। आंख का कराया इलाज-मारपीट का मामला उजागर होने के बाद वंदना की आंखों में खून जम गया था। जिसका प्रबंधन द्वारा नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों से आनन-फानन में इलाज कराया गया। इलाज कर रहे चिकित्सको ने भी आंख में चोट लगना पाया। आंख के इलाज के बाद प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया गया। इधर सीएस और सीएमएचओ जांच टीम गठित करने के बाद बुधवार रात भोपाल रवाना हो गए। दोनों स्वास्थ्य अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल होने गए हैं।
Published on:
12 Apr 2019 07:01 am
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