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फायर फाइटर ‘बीमार’, आग से धधक रहे गांव

१२ कंडम दमकल वाहनों के भरोसे २३ लाख की आबादी, ०४ साल में आग की १८० घटनाएं, २.७६ करोड़ की संपत्ति खाक

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Fire fighter 'sick', flush with fire

Fire fighter 'sick', flush with fire

सतना। गर्मी का मौसम शुरू होते ही जिले में आग लगने की घटनाएं बढऩे लगी हैं। बीते एक पखवाड़े में चार घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन आग की घटनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। चार साल में जिले में आग लगने की १८० घटनाएं हुई हैं। इनमें ३०० से अधिक पीडि़त परिवारों की २.७६ करोड़ रुपए की संपत्ति खाक हो चुकी है।

जिले में आगजनी की घटनाओं का ग्राफ साल-दर साल बढ़ रहा है। इसके बाद भी प्रशासन फायर फाइटर सिस्टम को मजबूत करने कोई कदम नहीं उठा रहा। २३ लाख की आबादी के बीच आग पर काबू पाने के लिए जिले में मात्र १२ दमकल वाहन उपलब्ध हैं। उनमें भी अधिकांश कंडम हैं। गर्मी का मौसम शुरू होते ही गांवों में आगजनी की घटनाएं बढ़ गई हैं। लेकिन, वहां पर आग बुझाने के संसाधन उपलब्ध न होने के कारण गांवों की सुरक्षा भगवान भरोसे है।

एक दमकल के भरोसे १६६ गांव
आग सुरक्षा के मानकों पर गौर करें तो ५० हजार की आबादी या २० गांव के बीच कम से कम एक दमकल वाहन उपलब्ध होना चाहिए। जिले में आग सुरक्षा की स्थिति मानकों के आसपास भी नहीं है। यहां १६६ गांवों के बीच मात्र एक दमकल वाहन उपलब्ध है। जो दमकल वाहन हैं उनमें से अधिकांश पुराने और कंडम स्थिति में हैं। स्थिति यह है कि गांवों में आगजनी की घटना होने पर जब तक नगर पंचायत या पुलिस थाने से दमकल वाहन मौके पर पहुंचते हैं तब तक सबकुछ जलकर खाक हो चुका होता है। दमकल उपलब्ध न होने के कारण ग्रामीण जनता अभी भी आग पर काबू पाने बाल्टी से पानी डालने पर मजबूर है।

जिला मुख्यालय
जिला मुख्यालय- ३.५०
लाख कुल आबादी- ०७
दमकल वाहनों की दरकार- ०४

वाहन वर्तमान में उपलब्ध
जिले में सुरक्षा मानकों की स्थिति
२३ लाख आबादी जिले में
४६ दमकल वाहन की दरकार
१२ दमकल वाहन वर्तमान में उपलब्ध
२००० गांव जिले में
१६६ गांवों के बीच एक दमकल
१० तहसीलें, एक में भी उप फायर स्टेशन नहीं
१० हजार लीटर का एक भी दमकल नहीं

सुरक्षा के मापदंड
५० हजार आबादी के बीच एक दमकल वाहन
२० गांवों के बीच एक दमकल वाहन की व्यवस्था
जिला मुख्यालय पर सर्व सुविधायुक्त मुख्य फायर स्टेशन

फैक्ट्रियों के भरोसे शहर
स्मार्ट हो रहे शहर की आबादी बढ़ती जा रही है। कॉलोनियों में बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो रही हैं। पर, आग से सुरक्षा के मामले में शहर की स्थिति भी गांवों जैसी ही है। जिला मुख्यालय स्थित फायर स्टेशन में कहने के लिए चार दमकल वाहन उपलब्ध हैं। लेकिन, आगजनी की बड़ी घटना होने पर शहर फैक्ट्रियों की दमकल गाडि़यों पर निर्भर रहता है। फिल्टर प्लांट स्थित नगर निगम का फायर स्टेशन सुविधाओं को तरस रहा है। यहां अग्निशामक दल के पास न अत्याधुनिक दमकल गाडि़यां हैं और न ही प्रशिक्षित फायर स्टाफ। नगर निगम के दमकल बेड़े में १० हजार लीटर की क्षमता का एक भी दमकल वाहन उपलब्ध नहीं है। छोटी और दशकों पुरानी दमकल गाडि़यों के भरोसे फायर कर्मचारी आग बुझाने की खानापूर्ति कर रहे हैं।

यह करें किसान
विद्युत लाइन के नीचे खलिहान न रखें
थ्रेसर में कटी-फटी विद्युत वायर का उपयोग न करें
खलिहान में एक ड्रम पानी व ४ तगाड़ी बालू रखें
खेतों में ट्रांसफार्मर के आसपास सफाई रखें
जहां विद्युत तार लूज हों वहां से भरी ट्रॉली न निकालें