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सतना

खुले में शौच से थी परेशान,टॉयलेट बनवाने गोद में बच्चे लेकर सड़क पर उतरी महिलाएं

यह कैसा स्वच्छता अभियान: स्मार्ट सिटी के 20 फीसदी घरों में शौचायल नहीं

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सतना. घर में शौचालय नहीं खुले में जाने पर निगम कर्मचारियों के टोका-टाकी से परेशान नईबस्ती की महिलाएं टॉयलेट बनवाने गोद में बच्चा लेकर सड़क पर उतर आई। महिलाओं ने लगभग एक घंटे तक बीच सड़क में बैठ कर धरना प्रदर्शन किया। महिलाओं की इस मांग को सही ठहराते हुए मुहल्ले के पुरुष भी प्रदर्शन में शामिल हो गए और प्रशासन से कालोनी में शुलभ काम्पलेक्स बनवाने प्रशासन के सामने मांग रही।

इस दौरान नईबस्ती सड़क से गुजर रहे कलेक्टर भी जाम में फंस गए। सड़क पर भीड़ देखकर कलेक्टर सतेंद्र सिंह कार से उतर कर लोगों के बीच पहुंचे और सड़क जाम करने का कारण पूछा। भीड़ का नेतृत्व कर रहे अनिल दुबे ने कलेक्टर को बताया कि उनकी बस्ती में अधिकांश गरीब परिवारों के घर में शौचालय नहीं है। निगम की टीम खुले में शौच जाने पर लोगों को पत्थर मरती है। इसलिए बस्ती में एक सार्वजनिक शौचालय बनवाया जाए। कलेक्टर ने एक सप्ताह के अंदर बस्ती में सार्वजनिक शौचालय बनवाने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर लोग सड़क से हटे।

20 फीसदी घरों में शौचालय नहीं

अगले सप्ताह खुले में शौच मुक्त शहर का सर्वे करने ओडीएफ की टीम पहुंचने वाली है। लेकिन शहर ओडीएफ परीक्षा पास करने के लिए कितना तैयार है इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि नईबस्ती की मलिन बस्तियों के 20 फीसदी घरों में आज भी शौचालय नहीं है। वह लोटा लेकर खुले में जाने को मजबूर है। घर में शौचालय न होने की जानकारी देते हुए महिलाओं ने कहा कि घर में शौचालय बनवाने निगम 1300 रुपए मांग रहा है। उनके पास 13 रुपए नहीं हैं। इसलिए उनकी बस्ती में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाए।