15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नागौद विधायक बोले- बुड्ढा हो गया हूं, चुनाव नहीं लड़ूंगा…और फिर…

एमपी में विधानसभा चुनाव में बीजेपी मेें जहां टिकट के लिए मारामारी हो रही है वहीं एक विधायक ने खुद को उम्रदराज बताते हुए कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। हालांकि 24 घंटों में ही उनके सुर बदल गए और वे कहने लगे कि चुनाव लडऩा है या नहीं, यह पार्टी तय करेगी।

2 min read
Google source verification

सतना

image

deepak deewan

Aug 27, 2023

pnagendra.png

विधायक ने खुद को उम्रदराज बताते हुए कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।

एमपी में विधानसभा चुनाव में बीजेपी मेें जहां टिकट के लिए मारामारी हो रही है वहीं एक विधायक ने खुद को उम्रदराज बताते हुए कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। हालांकि 24 घंटों में ही उनके सुर बदल गए और वे कहने लगे कि चुनाव लडऩा है या नहीं, यह पार्टी तय करेगी। इतना ही नहीं, वे अपने क्षेत्र में सक्रिय भी हो गए। उनके इस रुख से दावेदार और कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

पूर्व मंत्री व सांसद रह चुके नागौद विधायक नागेंद्र सिंह दो दिन से विधानसभा चुनाव लडऩे को लेकर सुर्खियों में हैं। शुक्रवार को नागौद विधानसभा क्षेत्र के रहिकवारा गांव में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने ऐलान किया कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। कह चुका हूं कि भैया मैं अब बुड्ढा हो गया हूं। मुझे आराम करने दो। पार्टी किसी युवा को टिकट दे। दमदार युवा विधायक बनेगा तो भाजपा और मजबूत होगी।

विधायक के सुर दूसरे दिन ही बदल गए। शनिवार को उचेहरा की सभा में बात बनाते हुए बोले कि न मैं यह कहता हूं कि चुनाव लडूंगा और न यह कहता हूं कि नहीं लडूंगा। मुझे चुनाव लडऩा है या नहीं, यह तो पार्टी तय करेगी।

नागौद से पांच बार विधायक रह चुके नागेंद्र सिंह की विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ है। इस बार उन्होंने पहले भी चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया था। ऐसे में अन्य दावेदार उत्साहित होकर तैयारी में जुटे थे। अब चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसे लेकर उनके द्वारा बार-बार बदले जा रहे बयान से जनता, कार्यकर्ता के साथ दावेदार भी असमंजस में हैं।

स्वास्थ्य का हवाला देकर पिछले एक साल से वे राजनीति में निष्क्रिय थे। अपने विधानसभा क्षेत्र में भी वह जनसंपर्क जैसे कोई कार्यक्रम में शामिल नहीं होते थे। लेकिन, हाल ही में चित्रकूट विधानसभा की टिकट फाइनल होने के बाद वे अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। गांव-गांव जाकर संपर्क कर रहे हैं। आम लोगों, कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। इससे उनके चुनाव लडऩे या न लडऩे पर सियासत शुरू हो गई है।