
hindu nav varsh-2018 start with chaitra navratri
राजेश धामी @ सतना।शक्ति की आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्र रविवार से शुरू हो रहा है। मां शक्ति की पूजा-अर्चना के लिए देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार भी नवरात्र आठ दिन के रहेंगे। अष्टमी और नवमीं तिथि एक ही दिन 25 मार्च को होने के कारण यह स्थिति बनी है। यह चौथा साल होगा, जब नवरात्र आठ दिन के होंगे। हर्ष का विषय यह है कि इस वर्ष नवरात्र के पहले ही दिन विक्रम नवसंवत्सर 2075 का भी शुभारंभ हो रहा है। इसलिए मदिरों में नवरात्र के साथ-साथ हिंदू नववर्ष के स्वागत में मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
384 दिन का होगा नूतन वर्ष
नए संवत्सर का शुभारंभ रविवार 18 मार्च को हो रहा है। इसलिए इसका राजा सूर्य और मंत्री शनि होगा। संवत्सर का नाम विरोधकृत होगा। सामान्यत: संवत्सर 384 दिन का होता है। इस वर्ष मलमास लगने के कारण हिंदू नववर्ष 384 दिन का होगा। संवत्सर का राजा और मंत्री दोनों महत्वपूर्ण पद क्रूर ग्रहों के पास होने से साल उथल-पुथल भरा रहेगा। आंधी-तूफान जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं से भारी नुकसान हो सकता है।
सालभर रहेगी आपदाओं की आशंका
हिं दू नूतन वर्ष जिले के लिए खुशहाली और समृद्धि की कामना लेकर आएगा। नवरात्र के पहले दिन जिले की जनता मंदिरों में मां शक्ति की आराधना करेगी। लेकिन, ज्योतिषियों द्वारा नववर्ष के लिए सतना की जो कुंडली तैयार की गई है उसके अनुसार संवत्सर 2075 सतना के लिए सुखी नहीं रहेगा। साल का राज सूर्य और मंत्री शनि होने के कारण सालभर लोग प्राकृतिक आपदाओं से परेशान रहेंगे।
शनि ग्रह का संबंध सतना से
ज्योतिषाचार्य पं. रामबहोर तिवारी का कहना है, शनि ग्रह का संबंध सतना से है। इसलिए यह वर्ष सतना के लिए अच्छा नहीं रहेगा। शहर में कई विकास कार्य होंगे। कृषि के लिए यह साल सामान्य रहेगा। लेकिन, आंधी-तूफान एवं अल्पवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान भी होगा। व्यापारियों एवं किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। जनोपयोगी सामानों में मूल्यवृद्धि के कारण जनमानस में असंतोष बढ़ेगा। जल की कमी रहेगी। पानी के अभाव में नदी-नाले, कुआं, तालाब सूखे रहेंगे। फसलों का उत्पादन कम होगा। खंड वृष्टि होगी तथा कृषि को क्षति पहुंचेगी।
चौथे साल 8 दिन की नवरात्र
ज्योतिषविद पं. मोहनलाल द्विवेदी ने बताया, इस वर्ष लगातार चौथे साल नवरात्र आठ दिन के होंगे। इससे पहले वर्ष 2015 में 21 से 28 मार्च, वर्ष 2016 में 8 से 15 मार्च तक तथा 2017 में 29 से 5 मार्च तक नवरात्र थे। जबकि वर्ष 2014 में नवरात्र पूरे नव दिन के थे। इस वर्ष नवरात्र का शुभारंभ 18 मार्च को हो रहा है तथा समापन 25 मार्च को होगा। नवरात्र के आखिरी दिन अष्ठमी और नवमीं तिथि एक ही दिन रहेगी। शुभारंभ और समापन रविवार को होगा। नवरात्र सर्वार्थसिद्धि योग में सूर्योदय से रात 8.18 बजे तक रहेगा।
ग्रहण विवरण
संवत 2075 में कुल 5 ग्रहण लगेंगे। इनमें तीन सूर्य ग्रहण होंगे। दो चंद्र ग्रहण। आषाढ़ पूर्णिमा शुक्रवार 27 जुलाई को खग्रास पूर्ण चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो पूरे भारत वर्ष में दिखाई देगा। नए वर्ष में बनने वाले मत्रिमंडल को आकाशीय मंत्रिमंडल की संज्ञा दी गई है। इसलिए साल भर आकाशीय घटनाएं होती रहेंगी।
घट स्थापना मुहूर्त
- सुबह 7.30 से 9.00 चर
- सुबह 9.00 से 10.30 लाभ
- सुबह 10.30 से 12.00 अमृत
- दोपहर 1.30 से 3.00 शुभ
- शाम 6.00 से 7.30 शुभ
- शाम 7.30 से 9.00 अमृत
- (मुहूर्त चौघडि़या के अनुसार)
Published on:
18 Mar 2018 12:42 pm
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